13 मई जयपुर में धमाके...मोबाइल नंबर 9811004309 बंद
26 जुलाई , अहमदाबाद में ब्लास्ट...मोबाइल नंबर 9811004309 बंद
13 सितंबर दिल्ली में बम धमाके...मोबाइल नंबर 9811004309 बंद
बाकी दिनों पर हमेशा बिजी रहनेवाला ये मोबाइल धमाकों के दिन बंद है, औऱ इसी बंद मोबाइल से खुल रहे हैं वो राज जो इन तमाम बम धमाकों का आरोपी आतिफ अमीन की मौत के साथ ही दफ्न हो गये थे, जी हां ये मोबाइल नंबर आतिफ अमीन का है .....
आजतक को मिले आतिफ के मोबाईल फोन 9811004309 के प्रिंट आउट ये जाहिर करते है कि कहीं न कही वो इन धमाकों की साजिश से जुड़ा हुआ था. जी हां, आतिफ का मोबाईल फोन ही आतिफ के खिलाफ अब सबसे बड़ा सबूत बनता जा रहा है.
फोन अगर बंद हो तो कई राज उसी के साथ बंद हो जाते है लेकिन इन सीरियल बम धमाकों के मास्टर माईंड .यानि आतिफ अमीन का मोबाईल फोन बंद होकर भी कई राज खोल रहा है. जी हां, यानि स्विच ऑफ मोबाईल कई राज खोल रहा है.
अब हम आपके साथ आतिफ के मोबाईल फोन के प्रिंट आउट को खंगालना शुरु करते हैं.
13 मई 2008 को जब जयपुर में धमाके हुये तो आतिफ का मोबाईल 12 मई की रात दस बजकर 17 मिनट तक एक्टिव रहता है. ये बात उसके फोन प्रिंट आउट से साफ देखी जा सकती है। उसके बाद आतिफ का मोबाईल 13 मई 2008 को पूरे तौर पर स्विच आफ रहता है. और फिर ऑन होता है 14 मई की दोपहर 01 बजकर 3 मिनट 19 सैकेंड पर.
जयपुर के बाद आतंकवादियों का अगला निशाना बना गुजरात का अहमदाबाद शहर. 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुये धमाकों के साथ आतिफ के फोन का रिश्ता फिर जुड़ता है. इस बार आतिफ का फोन 23 जुलाई को दोपहर 12बजकर चालीस मिनट चालीस सैकेंड पर बंद होता है. ये फोन फिर से एक्टिव होता है 27 जुलाई की सुबह 10 बजकर 01 मिनट पर.
आतंक का ये सिलसिला यहीं नहीं रूकता है. इस बार आतंकवादियों ने चुना देश की राजधानी दिल्ली को। गौर करने की बात है इस बार आतिफ का फोन दिन भर के लिये नहीं बल्कि सिर्फ चंद घंटों के लिये आफ होता है. जीं हां जब 13 सितंबर की शाम दिल्ली धमाकों से दहल रही थी उस शाम 05 बजे से 07 बजे तक आतिफ का फोन फिर से बंद था. हर (धमाके के दिन मोबाइल फोन का बंद होना क्या महज एत्तफाक है या फिर साजिश का हिस्सा ?
दिल्ली पुलिस ने मुठभेड़ के बाद जब सैफ को पकड़ा तो उसने खुलासा किया कि उसके बॉस आतिफ ने ही सबको हिदायत दी थी कि धमाकों के दिन सब लोग अपने फोन बंद रखे. लेकिन बंद फोन की ये कड़ियां कुछ इस तरह मिली है कि साजिश के खिलाफ सबूत बनती जा रही है.