अन्ना हजारे पर मंडरा रहा है. बेहद खतरनाक खतरा. खतरा उनकी जान का है. खतरा अन्ना पर हमले का. खतरा अन्ना की कोशिशों को रोक देने का. खतरा अन्ना की सभा में साजिश का. आजतक के पास ऐसे दस्तावेज हैं जो कर रहे हैं खुलासा. दिल्ली पुलिस के रोजनामचे में दर्ज है ये साजिश.
कई कई साजिशों के निशाने पर हैं अन्ना हजारे लेकिन ये साजिशें सियासी नहीं जानलेवा हैं.
आजतक के पास हैं वो दस्तावेज जिनमें दर्ज है अन्ना के खिलाफ रची गयी एक बेहद खतरनाक साजिश. देश की खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के पास से मिले इन दस्तावेजों में दर्ज है अन्ना के खिलाफ खौफनाक जानलेवा साजिश की कहानी.
अन्ना पर मंडरा रहा ताज़ा खतरा बेहद बड़ा है. जिस भीड़ से अन्ना को मिलती है ताकत उसी भीड़ के बीच में छिपा है अन्ना के खिलाफ जानलेवा खतरा.
जिन अनशनों से अन्ना सरकार को हिला देते हैं उन्हीं अनशन में अफरा-तफरी फैला कर साजिश को अंजाम देने की फिराक में हैं अन्ना के दुश्मन.
अन्ना के लिए जिंदगी से बड़ा है मकसद और उनकी ताकत है जनता. अन्ना के दुश्मन उनकी इसी ताकत का इस्तेमाल उनके खिलाफ करना चाहते हैं.
साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रामलीला-2 को चुना गया है. यानि अगर शीतसत्र में मजबूत लोकपाल नहीं आया और अन्ना फिर से दिसंबर 27 से धरने पर दिल्ली के रामलीला मैदान में बैठते हैं तो उनकी जान को खतरा है.
दिल दहला देने वाली इस खौफनाक साजिश में हमलावर न गोली चलाएगा, न हथगोला फेकेंगा, न बम धमाका करेगा और न ही कोई धारदार हथियार चलाएगा.
बल्कि वो भीड़ में अफरा-तफरी फैला कर अन्ना के नजदीक पहुंचेगा और फिर करेगा वार.
दिल्ली पुलिस कर रही है साजिश की जांच
अन्ना के खिलाफ बहुत ब़ड़ी साज़िश हो रही है और ये हम नही कह रहे बल्कि दिल्ली पुलिस को मिली वो चिट्ठी और दिल्ली पुलिस के रोज़नामचे में दर्ज वो शिकायत है. और ये चिट्ठी आजतक के हाथ भी लग चुकी है.
जो भीड़ अन्ना की अब तक सबसे बड़ी ताकत बनी हुई है. वही भीड़ अब अन्ना के लिए सबसे बड़ा खतरा बनने जा रही है.
इस चिट्ठी में बंद है वो साज़िश जिसने दिल्ली पुलिस के होश उड़ा दिए हैं. साज़िश भी ऐसी जिसपर आला अफसरों को जल्दी यकीन नहीं. लेकिन मामला अन्ना का है, इसलिए पुलिस चिट्ठी की हर लाइन हर लफ्ज की तह में जाना चाहती है.
नौ दिसंबर को सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट दिल्ली पुलिस के मुख्यालय में डीसीपी को साजिश का ये खत उनके टेबुल पर मिला. किसी गुमनाम शख्स ने बंद लिफाफे में ऐसा मज़मून भेजा था कि जिसे पढ़ते ही डीसीपी साहब ने आला अफसरों को जानकारी दी. क्योंकि मामला अन्ना की सुरक्षा का था. वो अन्ना जिसने सरकार को घुटनों पर ला दिया है.
आजतक के हाथ लगे सबूत ज़ाहिर करते हैं कि डीसीपी ने चिट्ठी मिलते ही अपने मातहत अफसरों से तुरंत इसे रोज़नामचे पर दर्ज करने को कहा. डीसीपी साहब के हुक्म पर उसी रोज़ यानी नौ दिसंबर को ही सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के दरिया गंज थाने में डेली डायरी यानी डीडी नंबर 49453 दर्ज कर लिया गया.
गौरतलब है कि जिस रामलीला मैदान में अन्ना ने 27 दिसंबर से अनशन पर बैठने क एलान किया है है वो रामलीला मैदान दिल्ली पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में आता है.