अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर देश में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. आजतक की ओर से आयोजित पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' पर बहस के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भी जिन्ना की तस्वीर को हटाने को लेकर अपनी बात रखी.
पंचायत के तीसरे सत्र 'जिन्ना ने फिर बांट डाला' पर बहस के दौरान मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मुल्क को तोड़ने और लोगों को दूर करने की प्लानिंग की जा रही है. इसके लिए नई-नई चीजें की जा रही हैं, तो ऐसे में जिद नहीं होनी चाहिए. मामले को तूल नहीं देना चाहिए और इसे हटा लेना चाहिए. मुल्क में झगड़ा नहीं होना चाहिए. मदनी ने यह भी कहा कि मामले को लेकर गुंडागर्दी हरगिज नहीं होनी चाहिए और इसको कतई बर्दाश्त भी नहीं किया जाना चाहिए.
इसके अलावा बहस के दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारुकी ने कहा, ''एएमयू का चरित्र देखना है, तो ये देखिए कि किसने उसकी स्थापना की. इतिहास से हमें सबक लेना चाहिए. मैं भारत के ताल्लुक से जिन्ना को अच्छा नहीं मानता. उनकी जिद के चलते बंटवारा हो गया, लेकिन बंटवारे की बात पहले आरएसएस ने की थी.''
इस दौरान AMU के प्रवक्ता प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद ने कहा कि सांसद ने 30 अप्रैल को जिन्ना की तस्वीर हटाने के लिए पत्र लिखा और उसी दिन ये बात मीडिया में आ गई. खत का जवाब आने से पहले ही इस पर हल्ला मच गया. वहीं, सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि इस देश में जिन्ना का कोई समर्थन नहीं करता है. जिन्ना की तस्वीर हटनी चाहिए, लेकिन बीजेपी इसे हटाना नहीं चाहती, क्योंकि वो इसे मुद्दा बनाना चाहती है.
पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' के इस तीसरे सत्र में बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारुकी, आरएसएस के विचारक राकेश सिन्हा, एएमयू के प्रोफेसर मो. सज्जाद मौजूद रहे. इस सत्र का संचालन मशहूर एंकर अंजना ओम कश्यप ने किया.