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जिन्ना की तस्वीर हटाने का विरोध करने वाले कर रहे दोगलापनः तारिक फतह

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. आजतक की ओर से आयोजित पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' पर बहस के दौरान पाकिस्तानी लेखक तारिक फतह ने जिन्ना की तस्वीर लगाने वालों पर करारा हमला बोला. उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि जो लोग जिन्ना को नहीं मानने के साथ ही उसकी तस्वीर हटाने का विरोध करते हैं, वो दोगलापन कर रहे हैं.

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पाकिस्तानी लेखक तारिक फतह
पाकिस्तानी लेखक तारिक फतह

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. आजतक की ओर से आयोजित पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' पर बहस के दौरान पाकिस्तानी लेखक तारिक फतह ने जिन्ना की तस्वीर लगाने वालों पर करारा हमला बोला. उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि जो लोग जिन्ना को नहीं मानने के साथ ही उसकी तस्वीर हटाने का विरोध करते हैं, वो दोगलापन कर रहे हैं.

पाकिस्तानी राजनीतिक विश्लेषक तारिक फतह ने कहा कि AMU में जिन्ना की तस्वीर 70 सालों से क्यों छिपाकर रखी गई थी. ईस्ट पाकिस्तान यानी बांग्लादेश में तो आजादी के पहले दिन ही, जो जिन्ना हाल था उसका नाम बदलकर चिटगांव के फ्रीडम फाइटर के नाम पर कर दिया गया. पाकिस्तान बनाने में तो यूपी-बिहार के नवाबों का हाथ था. जिन्ना तो उनके किराए के पिट्ठू थे, जो अंग्रेजों ने दिए थे. सारा पैसा भोपाल के नवाब और हैदराबाद के नवाब के जरिए जाता था.  

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उन्होंने कहा कि साल 1946 के चुनाव में यूपी के नवाब और सेपरेट एलेक्ट में 90 फीसदी लोगों ने पाकिस्तान के लिए वोट दिया. इसके बाद साल 1947 में महात्मा गांधी से पैसे मिलने के बाद भी जिन्ना ने हिंदुस्तान पर हमला किया और एक लाख सैनिक भेजे, जिन्होंने बारामूला समेत जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में महिलाओं के साथ रेप किया. उस वक्त इसको जिहाद कहा गया.

कनाडा से स्काइप के जरिए बहस में शामिल हुए तारिक फतह ने कहा कि जिस शख्स ने हिंदुस्तान में हमला किया, उसकी तस्वीर आपने  AMU में लगा रखी है. उन्होंने सवाल किया कि सरसैयद अहमद की बनाई हुई यूनिवर्सिटी का जिन्ना से क्या ताल्लुक है?

इस दौरान AMU के प्रोफेसर अनवर खुर्शीद ने कहा कि जिन्ना प्रासंगिक है ही नहीं. अगर जिन्ना की बर्थ या डेथ एनिवर्सरी मना रहे होते, तो उसका विरोध समझ में आता. लेकिन हमारे यहां बिल्डिंग राष्ट्रभक्त लोगों के नाम पर है. जिन्ना हमारे इतिहास का हिस्सा है. आप इतिहास को नहीं मिटा सकते. जिन्ना की तस्वीर कई जगहों पर लगी है.

इसके अलावा बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि हम जिन्ना की तस्वीर लगाने का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि हम पंथनिरपेक्ष व्यक्ति हैं. जबकि जिन्ना धर्म के आधार पर देश बनाने की पैरवी करता था. डायरेक्ट एक्शन डे यानी 16 अगस्त 1946 के दिन उसने मुसलमानों से कहा था कि अब अपनी ताकत दिखाओ. उस दिन से वो भारत के लिए विलेन बन गया. उस दिन पांच हजार भारतीय मारे गए. एक लाख लोग बेघर हो गए. एक दीवार पर पूरा चित्र तो छोड़ दीजिए, हम उन्हें एक इंच जगह नहीं दे सकते.

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