नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने का सपना भले ही टूट गया हो लेकिन बिहार के नए मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को उम्मीद है कि अगर केंद्र में परिस्थितियां बदली और नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन गए तो उनकी कुर्सी अगले चुनाव के बाद भी बनी रहेगी.
जीतनराम मांझी ने आज तक से खास बातचीत में कहा कि वो सिर्फ डेढ़ साल के लिए ही मुख्यमंत्री नहीं है बल्कि अगला चुनाव भी उनके नेतृत्व में लड़ा जा सकता है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का जो प्रस्ताव पास हुआ है दरअसल वो विधायकों के विरोध को देखते हुए पास किया गया है और इसमें हालात को देखते हुए काफी गुंजाइश है. जीतनराम मांझी ने कहा कि अगला चुनाव उनके ही नेतृत्व में होगा, क्योंकि वो जिस तबके से आते हैं वो तबका पार्टी के साथ चट्टान की तरह है और अगर उनके नेतृत्व में चुनाव हुआ तो पार्टी को फायदा होगा.
बिहार के नए मुख्यमंत्री ने आरजेडी के साथ नए गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि राजनीति में कोई परमानेंट दोस्त और दुश्मन नहीं होता और वक्त आने पर नीतीश कुमार इस बारे में फैसला लेंगे. जीतनराम मांझी को नरेंद्र मोदी ने फोनकर मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी थी और उन्हें मोदी के शपथ-ग्रहण में शामिल होने का न्योता भी आया है, लेकिन शपथ-ग्रहण में शामिल होने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है.
कहा जा रहा है कि आप डेढ साल के लिए मुख्यमंत्री है क्या आप भी मानते है कि आप डेढ साल के लिए ही सीएम हैं या अगला जो चुनाव होगा वो आपके नेतृत्व में लड़ा जाएगा?
CM: अगर कोई साबित करना चाहेगा तो शेरशाह भी काफी कम दिनो तक ही राजा रहे लेकिन उन्होंने अपनी छाप छोड़ी, डेढ साल कोई कम वक्त नहीं होता, मैं तो एक ही साल मानता हूं, लेकिन रोड-मैप बना हुआ है, उसमें तो साबित करेंगे ही पर आगे के लिए मैंने पहले ही कहा आगे की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. अगर परिस्थितियां ऐसे बदले कि नीतीश जी की देश के प्रधानमंत्री बनने की नौबत आ जाए, वहां चले जाएं तो यहां कोई दूसरा होगा तो जीतनराम मांझी का नाम भी आ सकता है.
अब रही बात उस प्रस्ताव की जिसमें नीतीश कुमार को अगला मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव हुआ है तो उस वक्त के हालात ऐसे थे कि साथी हमारे काफी उग्र थे कि कोई उनको अगर चारा नहीं दिया जाता तो वो 2-3 दिनों तक धरना पर बैठ जाते, दरअसल विधायकों के सेंटिमेंट को रखने के लिए एक प्रस्ताव आ गया कि वो अगले मुख्यमंत्री होंगे इसलिए ये प्रस्ताव आ गया, लेकिन प्रस्ताव बदलेगा इसकी पूरी गुंजाइश है.
यानी डेढ़ साल के बाद भी अगले चुनाव के बाद भी जीतनराम मांझी मुख्यमंत्री रह सकते हैं?
CM: ये हम नहीं कह सकते वो तो विधायक दल तय करेगा.
आपके नेतृत्व में लड़ा जाएगा चुनाव?
CM: हां, मेरे नेतृत्व में लड़ा जाएगा इसमें कोई दोमत नहीं है क्योंकि जिस तबके से हम आते हैं उस तबके के लोग आज भी इस पार्टी के साथ चट्टान की तरह टिके हुए हैं और अगर लगेगा कि हमारे नेतृत्व में चुनाव लड़ने से पार्टी को फायदा है तो निश्चित है कि मेरा नेतृत्व रहेगा.
क्या आपका काम करने का तरीका अलग होगा जिससे आपकी अपनी पहचान बन सके?
CM: ये बात ऐसी है जिसे हम प्रचारित नहीं करना चाहते.
जिस क्षण आपको बताया गया कि आप सीएम होंगे, उम्मीद थी आपको..?
CM: मुझे इसकी ना तो उम्मीद थी ना आकांक्षा थी. हम तो सिर्फ विधायक के रूप में काम करना पसंद करते रहे हैं ये जनता का यकीन है जो यहां तक ले आई. ये अलग बात है कि विधायक बनने के क्रम में मंत्री बन गए, मुख्यमंत्री भी बन गए. इसकी ना तो उम्मीद थी ना प्रयास था, लेकिन जब नेतृत्व परिवर्तन हुआ तो ये सामाजिक समीकरण का नतीजा है. उसी क्रम में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर हमारा अनुभव व सामाजिक समीकरण काम आया.
आपको इस बात की उम्मीद थी?
CM: कभी नहीं, आपको कहा कि एक अपेक्षा रहती है कि हम विधायक बनें,विधायक के बाद मंत्री बनते हैं कि नहीं, बनते है तो विभाग मिलता है कि नहीं. ये कभी हमने नहीं सोचा तो मुख्यमंत्री का सवाल कहां, लेकिन ये जरूर जानते थे कि अगर मौका मिला तो हम साबित करके दिखाएंगे.
आप सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार की पसंद थे क्योंकि किसी को मालूम नहीं था कि आपका भी नाम आ सकता है, आप किस तरह से देखते हैं,कितनी स्वीकार्यता देखते है पार्टी के अंदर?
CM: इस बात को हम बहुत अहमियत नहीं देते, जो निर्णय होता है नीतीश कुमार करते हैं. उनका निर्णय करने का अपना तरीका है, मैं उनकी व्यक्तिगत पसंद हूं, ऐसा मैं नहीं मानता हूं, मेरा नाम भी सबसे राय लेकर ही उन्होंने किया है, ये ठीक है उन्होंने ही हमें बुलाया लेकिन नेता वही थे और चुनने का अधिकार भी विधायकों ने उन्हीं को दिया था.
क्या आपलोग नरेन्द्र मोदी को कम्युनल मानते हैं?
CM: हम उम्मीद करते है कि नरेंद्र मोदी जब न्याय की कुर्सी पर बैठे है तो सबके साथ न्याय करेंगे. मोदी जी संघ के प्रचारक रहे है लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वो संकुचित विचार छोड़कर देश हित में काम करेंगे.
उनका शपथग्रहण है क्या आपको न्योता आया है और क्या आप जाएंगे?
CM: उनका न्योता आया है, दो दिन पहले न्योता आया है उसपर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी जाने के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है. शपथग्रहण के बाद उन्होंने फोन कर शुभकामनाएं दी थी.
आरजेडी से आपकी क्या केमिस्ट्री होगी, आपने सदन के भीतर उनका समर्थन लिया, आपको प्रचंड बहुमत दिखा. क्या जिसे जंगलराज आप कहते थे और जो सुशासन आप अपना कहते थे वो दोनो कहीं न कही आपसे में मिल रहा है?
CM: ये भ्रम आपलोग फैला रहे है हमने उनका समर्थन लिया कहां, जैसे हमें कोई बहुमत की कमी होती,गिरने की स्थिति में होते तब न किसी के यहां जाते, कोई जरूरत ही नहीं थी. 119 का मैजिक फिगर हमारे पास था. हमारे पास 117 थे, 2 निर्दलीय,1 सीपीआई और 4 कांग्रेस के साथ हमारे पास 124 की संख्या थी, तो क्यों हम किसी से मांगते. देहात में कहावत है कि जिसके घर में अनाज होता है उसी को पंइचा मिलता है. उन्होंने समर्थन दिया तो ये उनकी अपनी सोच है हमने तो मांगा नहीं समर्थन.
तो क्या कभी कोई समर्थन नहीं लेंगे? क्या आरजेडी से कोई गठबंधन,कोई समर्थन नहीं होगा?
CM: देखिए राजनीति में परमानेंट कोई किसी का दोस्त और दुश्मन नहीं होता, लेकिन विचारधारा और सिद्धांत पर कोई समर्थन देगा तो उसे हम समर्थन देंगे, न्होंने विश्वासमत पर समर्थन का फैसला लिया तो हमने उन्हें धन्यवाद दिया.
क्या बीजेपी के खिलाफ कोई नया गठबंधन बनाएंगे जिसमे जेडी-यू और आरजेडी भी होगी?
CM: इसपर फैसला नीतीश कुमार लेंगे.