मोदी सरकार के रेलवे और आम बजट में तमाम योजनाएं गिनाई गईं, बाकायदा 2022 तक का लक्ष्य रख करके. दोनों बजटों पर गौर करें तो यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि मोदी सरकार अपनी दूसरी पारी के लिए पूरी तरह आश्वस्त है और वो इसी के आधार पर खींच रही है अपने बजट का खाका.
आम बजट में वित्त मंत्री ने किसानों के विकास के लिए दिल खोलकर पैसों की बारिश की. उन्होंने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य भी बताया. जेटली ने कहा, 'कृषि और किसान कल्याण के तहत हम किसानों को इनकम सिक्योरिटी देना चाहते हैं. इसके लिए 35,984 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जा रहा है.'
2014 में चुनाव जीतने से पहले विकास के लिए सिर्फ 60 महीनों का समय मांगने वाले प्रधानमंत्री मोदी की सरकार अब सीधे 2020 और 2022 की बात कर रही है. हालांकि वित्त मंत्री ने 2018 तक हर गांव में बिजली पहुंचाने का वादा किया है.
प्रभु ने भी रखा है मिशन 2020 का लक्ष्य
रेल बजट पर गौर करें तो पांच ऐसी योजनाएं है जिनका लक्ष्य सरकार का कार्यकाल खत्म होने के एक साल बाद का है. रेल मंत्री ने अपने मिशन 2020 में हर यात्री को कन्फर्म टिकट, ट्रेनों में बॉयो टॉयलेट की सुविधा, मानवरहित फाटक खत्म किए जाने, बड़ी लाइनों के लक्ष्य पूरे करने और 95 फीसदी ट्रेनों को समय से चलाने की बात कही है.
...और इन सबके बीच विपक्ष ने लगाया पलीता
दिग्विजय सिंह: ट्वीट किया कि '2014 के चुनावों में अपने भाषणों में जनता से 60 महीने मांगने वाले आज हर काम को 2020 या 2022 में पूरा करने का वादा कर रहे हैं क्यों?'
2014 के चुनावों में अपने भाषणों में जनता से 60 महीने माँगने वाले आज हर काम को 2020 या 2022 में पूरा करने का वादा कर रहे हैं कयो?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 29, 2016
-सार्थक
अखिलेश प्रताप सिंह: 'समझ नहीं आता कि सरकार 2016-17 का बजट पेश कर रही है या 2022 और 2022 का.'
लालू प्रसाद यादव: 'किसानों को दुगनी आय के ख्वाब दिखाकर 2022 तक अपनी सीट पक्की करना चाहती है, लेकिन यह सरकार 2019 में ही गिर जाएगी.'
promise of doubling farmer income to 2022, want to secure their 'berth' till then, govt will fall 2019: Lalu Yadav pic.twitter.com/QVEAza8Io0
— ANI (@ANI_news) February 29, 2016