आमिर खान को मिस्टर परफेक्शनिस्ट भी कहा जाता है. फिल्म यादों की बारात से बाल कलाकार के तौर पर आमिर के फ़िल्मी करियर की शुरूआत हुई थी. हीरो के तौर पर वे 1988 फिल्म क़यामत से क़यामत तक में आए और छा गए. आमिर अपनी फिल्मों के किरदार में घुसने के लिए बरसों मेहनत करते हैं. मंगल पांडे के लिए उन्होंने बाल और मूंछें बढ़ाईं तो गजनी के लिए सिर मुंडवाया. अकादमी पुरस्कार के लिए नामित उनकी फ़िल्म लगान भारतीय फिल्म इतिहास में मील का पत्थर मानी जाती है.