फिल्म अभिनेता आमिर खान आज सुबह से सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बन रहे हैं. दरअसल आमिर खान ने टर्की के राष्ट्रपति रजप तैयप एर्दवान की पत्नी एमिली एर्दवान से मुलाकात की है. वैसे तो ये मुलाकात एक निजी मुलाकात है लेकिन सवाल पूछा जा रहा है कि आमिर खान का भारत विरोधियों से कैसा याराना है?
गौरतलब है कि एर्दवान एक इस्लामिस्ट राष्ट्रपति हैं और लगातार भारत विरोधी बयानों के लिए भी सुर्खियों में रहते हैं. कश्मीर के मसले पर उन्होंने खुलकर भारत का विरोध किया था. हालांकि एक ओर जहां आमिर खान का विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर उनके बचाव में भी लोग खड़े हैं. दलील दी जा रही है कि वो किसी से भी मिलें क्यों फर्क पड़ना चाहिए?
आमिर खान को लेकर हंगामा इसलिए भी बरपा है क्योंकि ये वही आमिर खान हैं, जिन्होंने असहिष्णुता के हंगामे के बीच ये कहा था कि भारत में डर लगने लगा है. ऐसे में टर्की के राष्ट्रपति के साथ आमिर खान का मेलजोल बीजेपी, आरएसएस और वीएचपी से जुड़े बहुत लोगों को रास नहीं आया है. हालांकि कांग्रेस इस पूरे हंगामे को फिजूल बताने की कोशिश कर रही है.
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कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी से जब उनके ट्वीट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "अब मैं क्या करूं कि अगर प्रेस को चीजें सनसनीखेज करने का शौक है. मैंने आमिर खान को लेकर ट्वीट कब किया कोई दिखा दे और मैंने सफाई कब दी कोई यह भी दिखा दे. मैंने तो ये स्पष्टीकरण दिया है कि मेरा मानना है कि टर्की भारत के हितों के विरुद्ध एक्ट कर रहा है. आमिर खान का मुद्दा तो तब होता जब मैं उन्हें टैग करता या नाम लेता."
अपनी बात स्पष्ट करते हुए सिंघवी ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में टर्की पिछले दो महीनों में हर हफ्ते मलेशिया के साथ भारत विरोधी स्टैंड ले रहा है. अगर मुझे कुछ कहना होगा आमिर खान के बारे में तो मैं हिचकूंगा नहीं, इसमें क्या आपत्ति है. लेकिन जब मैंने कुछ कहा ही नहीं. मुझे तो उनका मामला दिमाग में ही नहीं था. मैंने तो कई बार ऐसा कहा है कि टर्की और मलेशिया भारत विरोधी स्टैंड ले रहे हैं और टर्की रहनुमा बनना चाहता है. इसके बाद जब आमिर खान को लेकर विवाद बढ़ा तो मैंने स्पष्ट कहा कि इसमें टैगिंग होनी चाहिए या उनका नाम होना चाहिए."
सिंघवी ने आगे कहा, "मुझे आमिर खान के विषय के बारे में कोई इल्म नहीं था. मैंने टर्की से जुड़ा आर्टिकल पढ़ा था जिसके बाद ट्वीट किया था. आमिर खान स्वतंत्र नागरिक हैं, वो जिससे चाहें मिलें. आमिर खान न हमारे दूत हैं, न हमारे सांसद हैं, न सरकारी अधिकारी हैं. इसमें क्या दिक्कत हो सकती है. अब आमिर खान अगर दाउद इब्राहिम या किसी अपराधी से मिलते हैं जो भारत विरोधी काम में लिप्त हैं तो गलत होगा. आमिर खान का स्वतंत्र अधिकार है. लेकिन मैं टर्की का विरोध करता हूं."
बता दें कि सिंघवी ने सोमवार सुबह एक ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में सिंघवी ने लिखा था, "एर्दवान खलीफा बनने के कोशिश कर रहे हैं. वो हमेशा भारत विरोधी रहे हैं और टर्की भारत में चरमपंथ की फंडिंग कर रहा है. टर्की भारत का सबसे बड़ा अदृश्य खतरा है. एर्दवान या उनके किसी परिचित पर भरोसा नहीं कर सकते."
लेकिन जब उनके ट्वीट को आमिर खान से जुड़े विवाद से जोड़कर देखा जाने लगा तो उन्होंने एक ट्वीट के जरिए स्पष्ट किया कि मेरे पिछले ट्वीट का आमिर खान से कोई जुड़ाव नहीं था. न मैंने उन्हें मेंशन किया है न ही टैग किया है.
इस पूरे विवाद पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि उनकी अपनी स्वतंत्रता है कि वो क्या करते हैं लेकिन क्या देश के प्रति एक नागरिक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है. आमिर खान भारतीयों के प्यार से आमिर खान बने हैं. टर्की ने हमेशा भारत के खिलाफ बोला है. हमें यकीन है कि आमिर खान के दिल में भी भारत बसता है को ऐसे में वो टर्की की प्रथम महिला से मुलाकात कैसे कर सकते हैं. ये वही टर्की है जिसने कहा था कि दिल्ली दंगों में मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है.My tweet 924 am today had nothing to do with #Aamir. Neither mentioned nor tagged him! Its my indep view on #turkey. #Aamir is a free citizen can meet whom and do what he likes. Connecting unconnectibles!
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) August 17, 2020
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टर्की पर उठाए जाने वाले सरकारी कदम से जुड़े सवाल पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ये तय करना सरकार का काम है. क्या पाकिस्तान के साथ लगा मोस्ट फेवर्ड नेशन का तमगा नहीं हटाया गया. जो वाटर ट्रीटी थी उसे संशोधित नहीं किया गया क्या बालाकोट में पाकिस्तान को घुसकर नहीं ठोका गया. क्या एक नागरिक के तौर पर हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है.
वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस मुद्दे पर कहा, "आजकल कुछ व्यक्तियों व अभिनेताओं का भारत विरोधियों से प्यार ज्यादा ही बढ़ने लगा है. टर्की की प्रथम महिला से मिल कर एक भारतीय अभिनेता का फूला नहीं समाना बहुत कुछ इंगित करता है. एक जफरुल हैं जो अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहते हुए कट्टरपंथी मुस्लिम देशों की ओर से भारत को धमकाते हैं. तो एक AIMPLB है जो टर्की का ही हवाला देती है. अब ये अभिनेता हैं जिन्हें फिल्म प्रमोशन हेतु भारत विरोधी टर्की की ही प्रथम महिला मिलीं.
विनोद बंसल ने आगे कहा, "दर्शक सब समझते हैं. जिन लोगों को भारतीय दर्शकों ने सिर-आंखों पर बिठा कर अभिनेता बनाया वे आज भारत विरोधी टर्की जैसे देशों से मिलकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं तो देश के दर्शकों का आहत होना तो स्वाभाविक है ही! सोचना तो पड़ेगा."
आमिर खान से जुड़े इस नए विवाद पर सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट किया है. आमिर खान पर निशाना साधते हुए उन्होंने लिखा है कि, "मैं सही सिद्ध हुआ जो मैंने आमिर खान को तीनों खान मस्केटियर्स में से एक कहा था."
So I have been proven right in classifying Aamir Khan as one of the 3 Khan Musketeers?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 17, 2020
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस मुद्दे पर कहा, "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस तरह के मुद्दों पर निर्णय लेना होगा कि आप किस तरह के ट्रोलिंग के साथ ओके हैं, सवाल करने वाले या उसे काउंटर वाले. लेकिन यहां किस तरह की ट्रोलिंग होती है आप किसी की निष्ठा पर सवाल उठाना शुरू कर देते हैं, उसके साथ गाली-गलौज और दुर्व्यवहार आदि करते हैं, यह सब बंद करने की जरूरत है, कौन आमिर किससे मिल रहा है और वह क्या कर रहा है वह उसकी चिंता का विषय है."