आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पार्टी के लोकपाल एडमिरल रामदास ने पार्टी नेता पंकज गुप्ता को दूसरी चिट्ठी लिखी है जिसमे उन्होंने फिर से पूछा है कि जब उनका कार्यकाल नवंबर 2016 तक तय था तो उन्हें क्यों हटाया गया.
AAP ने की अपने ही लोकपाल की छुट्टी
पत्र की अहम बातें...
आपने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि मेरा लोकपाल का कार्यकाल खत्म हो गया है. क्या आप बताएंगे कि मेरे कार्यकाल की अवधि कब समाप्त हो गई? लोकपाल के तौर पर मैंने मनीष सिसोदिया, आशीष खेतान, आनंद कुमार की जांच की लेकिन अब मैं हैरान हूं. चुनाव प्रचार के दौरान मुझपर पार्टी नेताओं ने जुबानी हमले बोले लेकिन 2 दिन पहले तक AAP की वेबसाइट पर लोकपाल के तौर पर मेरा नाम दर्ज था. AAP के पार्टी संविधान के मुताबिक मेरा कार्यकाल नवंबर 2016 तक तय था लेकिन अगर मुझे हटाए जाने का आभास होता तो मैं जांच जैसे काम नहीं करता जो 'गैरकानूनी' कहलाएगा. सीनियर लोकपाल होने के नाते मुझे अपने उत्तराधिकारी का चुनाव करने का अधिकार होना चाहिए. नए लोकपाल की नियुक्ति की जानकारी मुझे पार्टी से मिलनी चाहिए थी लेकिन टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज से ये पता चला.
आपका एडमिरल रामदास
आपको बता दें कि रविवार 29 मार्च को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एडमिरल रामदास को आम आदमी पार्टी के आंतरिक लोकपाल पद से हटाने का फैसला लिया गया. पार्टी ने नई लोकपाल कमिटी बनाने का फैसला किया जिसके तीन सदस्य हैं. पूर्व आईपीएस अधिकारी एडी कुमार, पूर्व डीआईजी राकेश सिन्हा और शिक्षाविद डॉ. एसपी वर्मा नई लोकपाल कमिटी के सदस्य हैं.