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लुका छिपी खेल रही हैं App आधारित टैक्सी सेवाएं: दिल्ली सरकार

AAP सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि ओला जैसे ऐप्प आधारित टैक्सी सेवाएं पुलिस और परिवहन विभाग के साथ ‘लुका छिपी’ खेल रही हैं. दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति मनमोहन के सामने ये बातें कहीं. दिल्ली सरकार ने कहा कि वह ऐप्प आधारित कैब कंपनियों के खिलाफ कारवाई करने में अक्षम है क्योंकि उनकी टैक्सियों में कोई पहचान चिह्न नहीं होता जिससे पता चले कि वे किसके लिए काम कर रहे हैं.

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उबर कैब पर भी खूब हुआ था विवाद
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AAP सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि ओला जैसे ऐप्प आधारित टैक्सी सेवाएं पुलिस और परिवहन विभाग के साथ ‘लुका छिपी’ खेल रही हैं. दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति मनमोहन के सामने ये बातें कहीं. दिल्ली सरकार ने कहा कि वह ऐप्प आधारित कैब कंपनियों के खिलाफ कारवाई करने में अक्षम है क्योंकि उनकी टैक्सियों में कोई पहचान चिह्न नहीं होता जिससे पता चले कि वे किसके लिए काम कर रहे हैं.

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दिल्ली सरकार के अतिरिक्त सरकारी वकील नौशाद अहमद खान ने अदालत से यह भी कहा कि चालकों से पूछताछ करने पर वह अपने पास ऑल इंडिया टैक्सी परमिट होने का दावा करते हैं. अहमद ने अदालत से कहा,‘हम उनके खिलाफ कार्रवाई करने में पूरी तरह अक्षम हैं. वाहनों की पहचान नहीं हो पाती. अगर आप चालक से पूछें तो वे उनके लिए काम करने से इनकार कर देंगे और हम हमेशा सवारियों से नहीं पूछ सकते.’ उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से उलझा हुआ है. यह लुका छिपी की तरह है. आज एक भी वाहन जब्त नहीं कर सकते क्योंकि वाहनों की पहचान नहीं हो सकती.’

अहमद ने साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार अदालत के आदेशों के उल्लंघन के लिए इन कैब कंपनियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करेगी. सरकार ने एक शपथपत्र भी दायर किया जिसमें कहा कि ओला ‘ना केवल खुलेआम प्रतिबंध आदेशों का उल्लंघन कर रही है बल्कि दिल्ली में टैक्सियां चलाने के लिए बनाए गए कानूनी मापदंडों का भी उल्लंघन करते हुए अपनी टैक्सियां चला रही हैं.’’ उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 13 अक्तूबर को तय की है.

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