आम आदमी पार्टी में मची घमासान के बीच वरिष्ठ नेता मेधा पाटकर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. मेधा पाटकर ने कहा कि आज जो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुआ, उससे उन्हें काफी दुख पहुंचा है, इसलिए वे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं.
मेधा पाटकर ने कहा कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा, 'AAP दिल्ली की राजनीति में भले ही जीत गई हो, लेकिन राष्ट्रीय स्तर की वैकल्पिक राजनीति में पार्टी विफल साबित हुई है.'
बैठक में मारपीट का आरोप
आम आदमी पार्टी के विधायक देवेंद्र सेहरावत ने भी प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के आरोपों
का समर्थन किया है. सेहरावत ने कहा कि बैठक में मारपीट हुई थी. उन्होंने कहा, 'मैंने
मारपीट रोकने की कोशिश की. बैठक में जो हुआ वो काफी गलत हुआ.' याद रहे कि सेहरावत उन
आठ लोगों में शामिल हैं, जो राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में योगेंद्र-प्रशांत को निकाले जाने
का विरोध कर रहे थे.
इससे पहले आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर होने के बाद योगेंद्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अरविंद केजरीवाल पर हमले बोले. यादव ने कहा, 'यह बैठक सुनियोजित थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल अपने संबोधन के दौरान बार-बार भीड़ को उत्तेजित कर रहे थे. अरविंद ने बैठक में कहा कि या तो ये रहेंगे या मैं रहूंगा.'
'छोटे भाई ने दी गाली, मुझे कोई शिकायत नहीं'
शनिवार को आम आदमी पार्टी के
चारों 'बागी' नेताओं योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रोफेसर आनंद कुमार और अजीत झा को
राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. दिल्ली के कापसहेड़ा में हुई राष्ट्रीय
परिषद की हंगामेदार बैठक में यह फैसला हुआ. इस बैठक की अध्यक्षता कुमार विश्वास ने की
और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संबोधन किया.