कार्यकर्ताओं का दबाव कहिए या सफलता का स्वाद, दिल्ली में चौंकाने वाले नतीजे देने के बाद आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए बड़ी तैयारी की है. पार्टी नेताओं ने इशारा दिया है कि वे आगामी चुनावों में 300 सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं.
दरअसल, पार्टी ने पहले 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान बनाया था पर शानदार नतीजों से उत्साहित कार्यकर्ताओं की ओर से दबाव बढ़ गया है.
अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' में छपी खबर के मुताबिक, AAP नेताओं ने बताया कि पिछले तीन हफ्ते में चीजें बदल गई हैं. पहले पार्टी का दिल्ली में 28 सीटें जीतना और अब सरकार बनाना, इन दोनों घटनाओं ने पूरा ही राजनीतिक परिदृश्य बदल दिया.
अब जब लोकसभा चुनाव में महज चार महीने का वक्त बाकी है तो ऐसे में पार्टी ज्यादा देरी नहीं करना चाहती. इसलिए संभावना है कि आने वाले 15-20 दिनों के अंदर ही उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी जाए. समय कम होने की वजह से पार्टी उम्मीदवार चुनने की प्रक्रिया में भी बदलाव करेगी. इस बार जनता अपना उम्मीदवार खुद नहीं चुन सकेगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की लोकसभा रणनीति का पूरा दारोमदार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर छोड़ रखा था. अब पार्टी को ऐसा लगता है कि उनकी चुनावी रणनीति काम कर गई.
वरिष्ठ नेता संजय सिंह और योगेंद्र यादव को लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति बनाने का जिम्मा मिला है. संजय सिंह का कहना है, 'कार्यकर्ताओं की मांग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. हमारा शुरुआती प्लान 100 सीटों पर लड़ने का था. शानदार प्रदर्शन के बाद पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए हमें इस रणनीति में बदलाव करना ही पड़ेगा. पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका फैसला तो राजनीतिक मामलों की कमेटी ही करेगी. लेकिन 300 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम के ऐलान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.'