हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में लोकसभा सीट जीतने से उत्साहित बीजेपी नेता उदित राज दिल्ली में जल्द से जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उदित राज को पार्टी के दलित चेहरे के रूप में पहचाना जाता है.
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से सांसद उदित का मानना है कि आम आदमी पार्टी का यह ‘भ्रम’ कि पिछड़े और मध्य वर्ग के लोग उसे वोट देंगे, अगले विधानसभा चुनावों में एक बार फिर टूट जाएगा.
उदित ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए. इस बार यह भ्रम टूट जाएगा कि पिछड़े वर्ग के लोग उनके साथ हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यदि AAP को लगता है कि वे अगले विधानसभा चुनावों में मध्य वर्ग और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को अपना वोट बैंक बनाए रखेगी तो वह गलत सोच रही है.’
पिछले विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP ने दिल्ली की 12 सुरक्षित सीटों में से 9 अपने नाम की थी. इस नई पार्टी ने 70 सदस्यीय सदन में 28 सीटें हासिल करके सबको हैरान कर दिया था.
इसके बाद पार्टी ने कांग्रेस के बाहरी समर्थन के साथ दिल्ली में सरकार बनाई लेकिन 49 दिन के बाद जनलोकपाल के मुद्दे पर सत्ता छोड़ दी. इसके बाद वह 2014 के आम चुनावों में वही प्रभाव दोबारा बनाने में नाकाम रही और लोकसभा चुनावों में महज 4 सीटें ही जीत सकी.
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की सीट से आप की राखी बिड़ला को हराने वाले राज ने कहा, ‘लोकसभा चुनावों ने दिखा दिया कि सिर्फ दलित ही नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग के लोगों को बीजेपी में विश्वास है.’ केजरीवाल पर बार-बार रुख बदलने का आरोप लगाते हुए राज ने कहा कि आप के नेता का आकलन सही साबित नहीं होने की वजह से वे कुंठित हैं. वे बस जनता को यह दिखाकर एकबार फिर प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं कि हम अभी भी योद्धा हैं.
दिल्ली के चुनावों के लिए बीजेपी के एजेंडे के बारे में राज ने कहा, 'यह लोकसभा चुनावों की ही तर्ज पर होगा और यह एजेंडा है- स्थायी सरकार का.’ राज ने दावे के साथ कहा कि अगले विधानसभा चुनाव कभी भी हों, AAP और कांग्रेस बीजेपी से कोई मुकाबला नहीं कर पाएंगी. उन्होंने दावा किया, ‘AAP पहले ही एक बार विफल हो चुकी है और कांग्रेस को दूर-दूर तक प्रतिद्वंद्वी नहीं माना जा सकता. इस बार बीजेपी को 60 से कम सीटें नहीं मिलेंगी.’
राज ने कहा कि केजरीवाल और उनकी पार्टी बीजेपी के लिए मुख्य प्रतिद्वंद्वी है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें (केजरीवाल को) ‘बहुत कुछ सीखना’ है. उन्होंने कहा, ‘मैं भी 1988 में भारतीय राजस्व सेवा में चुना गया था लेकिन मैंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. मैंने कभी भी सत्ता का लालच नहीं दिखाया और दलितों एवं गरीबों के लिए काम करता रहा.’
राज ने 2003 में अपने पद से त्यागपत्र देकर इंडियन जस्टिस पार्टी का गठन किया था. केजरीवाल ने राजस्व सेवा में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और 2012 में आप का गठन किया था. केजरीवाल पर अपना हमला जारी रखते हुए राज ने कहा कि ‘पार्टी में मौजूदा अव्यवस्था’ के लिए आप के संयोजक जिम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल का तानाशाही रवैया और वरिष्ठ नेताओं की अनुपलब्धता की वजह से यह सब हो रहा है. आप को अब अपने दिन गिनने शुरू कर देने चाहिए क्योंकि यह तो शुरुआत भर है.’
AAP के दो प्रमुख सदस्यों-शाजिया इल्मी और जीआर गोपीनाथ ने शनिवार पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए पार्टी छोड़ दी. हालांकि राज ने इस बात पर चुप्पी साधे रखी कि क्या इल्मी और गोपीनाथ को बीजेपी में लिया जाएगा. भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में राज ने समाज के सभी वर्गों के लोगों को एक ही सूत्र में बांधने का श्रेय मोदी के प्रयासों को दिया.
राज ने कहा, ‘मोदी ऐसे नेता हैं जिनके दिल में दलितों के लिए जगह है.’ राज ने यह भी कहा कि मोदी ‘समावेशी’ राजनीति करते हैं. राज ने कहा, ‘लखनऊ में 2 मार्च को एक रैली में मोदी ने कहा था कि आने वाला दशक दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों का होगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी अब सिर्फ ऊंची जातियों की पार्टी नहीं रही है.