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आम आदमी पार्टी को मुकेश अंबानी से चंदा लेने में कोई परहेज नहीं: योगेंद्र यादव

आम आदमी पार्टी की ओर से मुकेश अंबानी को लेकर फिर से एक चौंकाने वाला बयान आया है. मंगलवार को मुंबई में पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी को मुकेश अंबानी से चंदा लेने में कोई एतराज नहीं है. हालांकि योगेंद्र यादव ने सफाई भी दी है कि फंडिंग लेते वक्त जांच की जाएगी कि पैसा किस तरह से और कहां से आया है.

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आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव
आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव

आम आदमी पार्टी की ओर से मुकेश अंबानी को लेकर फिर से एक चौंकाने वाला बयान आया है. मंगलवार को मुंबई में पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी को मुकेश अंबानी से चंदा लेने में कोई एतराज नहीं है. हालांकि योगेंद्र यादव ने सफाई भी दी है कि फंडिंग लेते वक्त जांच की जाएगी कि पैसा किस तरह से और कहां से आया है.

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यह बयान विरोधाभासी इसलिए भी है क्योंकि कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुकेश अंबानी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.

योगेंद्र यादव ने कहा कि मुकेश अंबानी अगर आम आदमी पार्टी को 10 लाख से कम चंदा देते हैं, तो इस पर फैसला मुंबई की जनता लेगी लेकिन अगर इससे ज्यादा चंदा दिया जाता है तो पार्टी की पीएसी देखेगी कि चंदे का मकसद क्या है.

योगेंद्र यादव मुंबई में चुनिंदा बैंकरों और उद्योगपतियों के साथ एक बंद कमरे की बैठक में शामिल होने गए थे. इस बैठक का आयोजन ‘आप’ कार्यकर्ता पूर्व बैंकर मीरा सान्याल और एक्सिस बैंक की मानशिया लथ गुप्ता ने किया था. योगेंद्र यादव ने यहां बिजनेस जगत के 200 नेताओं से मुलाकात कर उन्हें ‘आप’ की विचारधारा से बारे में बताया और साथ ही उन्हें यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी बिजनेस के खिलाफ नहीं बल्कि करप्ट उद्योगपतियों के खिलाफ है. हालांकि इस मुलाकात का आयोजन ‘आप’ के लिए फंड इक्टठा करने के उद्देश्य से किया गया था.

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मीरा सान्याल ने कहा, ‘हमारा एक सिद्धांत है कि हम चंदा चेक से लेंगे. हालांकि हम कैश से भी चंदा लेते हैं और ये ‘आप’ की वेबसाइट पर पब्लिश भी किया जाएगा. कॉरपोरेट फंडिंग की सबसे बड़ी समस्या ये है कि अगर ये पारदर्शी न हो तो कोई यह नहीं जान सकता कि किसने और क्यों पैसा दिया. कॉरपोरेट फंडिंग कोई गलत चीज नहीं है लेकिन तभी जब इसके बदले में कुछ लाभ न दिया जाए. हम लाभ के स्वार्थ के साथ दिए गए चंदे के खिलाफ हैं.’

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