आम आदमी पार्टी (AAP) में हलचल अभी जारी है. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से हटाए जाने से नाराज नेताओं को मनाने की कोशिश की जा रही है.
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, कुमार विश्वास इन नेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं और बंगलुरु में अरविंद केजरीवाल के भी संपर्क में हैं.
उधर महाराष्ट्र की AAP नेता अंजलि दमानिया अब केजरीवाल खेमे के पक्ष में उतर आई हैं. उन्होंने हाल ही में ब्लॉग लिखकर केजरीवाल से सवाल करने वाले मयंक गांधी और योगेंद्र यादव को बहस के लिए आमंत्रित किया है और सार्वजनिक रूप से जवाब मांगे हैं.
Now just enough... Can't take this anymore... @AapYogendra @mayankgandhi04 I have series of questions for both of you & I want ans in public
— Anjali Damania (@anjali_damania) March 5, 2015
उन्होंने लिखा, 'बहुत हुआ. अब बर्दाश्त के बाहर है. योगेंद्र और मयंक मेरे पास आपके लिए सवाल हैं और मुझे सार्वजनिक रूप से जवाब चाहिए. कब और कहां आप मुझसे डिबेट करना चाहेंगे? मैं अभी तैयार हूं. कार्यकर्ता कुछ बातों पर सफाई चाहते हैं.'
When and where do you want to debate with me? I am ready right now. Volunteers need clarifications. Yes I agree they do and a lot of them
— Anjali Damania (@anjali_damania) March 5, 2015
हालांकि उन्होंने प्रशांत भूषण को तमाम सवालों से बरी कर दिया है. उन्होंने लिखा, 'मैं प्रशांत भूषण की बात नहीं कर रही. वह क्रूसेडर हैं. मैं उनका सम्मान करती हूं. मैं उन नेताओं की बात कर रही हूं जिन्हें ठीक से बर्ताव करना नहीं आता.'
I am not talking of PB. He is a crusader. I respect him from the bottom of my heart. I am talking of leaders who don't know how to behave.
— Anjali Damania (@anjali_damania) March 5, 2015
इससे पहले गुरुवार को AAP नेता मयंक गांधी ने कार्यकर्ताओं के नाम खुला खत लिखकर पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा. गांधी ने कार्यकर्ताओं के नाम पर खुला खत लिखकर बुधवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का ब्यौरा भी सार्वजनिक कर दिया है.गांधी के मुताबिक, 'बुधवार की रात को मुझसे कहा गया था कि अगर मैंने कुछ भी खुलासा किया तो मेरे खिलाफ अनुशासानात्मक कार्रवाई की जाएगी. अब जो हो, मेरी पहली निष्ठा सत्य के प्रति है. यहां योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की बर्खास्तगी के बारे में मीटिंग के तथ्य दिए जा रहे हैं. मैं राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निवेदन करूंगा कि मीटिंग के मिनट्स रिलीज किए जाएं.' गांधी ने लिखा, '26 फरवरी की रात को जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अरविंद केजरीवाल से मिलना चाहते थे, तो अरविंद ने ये संदेश दिया कि अगर ये दो सदस्य PAC में रहेंगे तो वो संयोजक के तौर पर कार्य नहीं कर पाएंगे. 4 मार्च को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की यही पृष्ठभूमि थी.'
गांधी ने बताया, 'दिल्ली के चुनाव प्रचार के दौरान प्रशांत भूषण ने कई बार धमकी दी थी कि वे पार्टी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे क्योंकि उन्हें उम्मीदवारों के चयन पर कुछ आपत्ति थी. हममें से कुछ लोग किसी तरह उन्हें चुनाव तक शांत रखने में सफल रहे. आरोप लगा था कि योगेंद्र यादव अरविंद केजरीवाल के खिलाफ साजिश कर रहे हैं और इसके कुछ सबूत भी पेश किए गए. अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव के बीच कभी न मिटने वाले मतभेद हो चुके थे. उनके बीच भरोसा भी बहुत कम हो चुका था.'
बतौर गांधी, 'योगेंद्र यादव ने कहा कि वो समझ सकते हैं कि अरविंद उन्हें PAC में नहीं देखना चाहते, एक साथ काम करना मुश्किल है इसलिए वो और प्रशांत PACसे बाहर रहेंगे लेकिन उन्हें बाहर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने दो फॉर्मूले पेश किए.
-PAC का पुनर्गठन हो और नए सदस्य चुने जाएं.PAC के चुनाव में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं करेंगे.
-PAC अपने वर्तमान रूप में ही काम करती रहे और योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण किसी भी मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे.
मयंक गांधी ने बुधवार को PAC की वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और उन्होंने अपने खुले खत में इसकी वजह भी बताई है. उन्होंने लिखा, 'अरविंद को PAC में अच्छे से काम करने की जरूरत है. इसलिए मैं इस बात से सहमत हूं कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव PAC से बाहर रह सकते हैं और कुछ दूसरी महत्वपूर्ण भूमिका ले सकते हैं. मैं उन्हें सार्वजनिक रूप से बाहर रखने के प्रस्ताव के विरोध में था और खासकर तब, जब वे खुद हटने को तैयार थे. उन्हें हटाने का ये फैसला दुनियाभर के कार्यकर्ताओं की भावनाओं के खिलाफ था. मैं इस बात से सहमत था कि वो PAC से बाहर जा सकते हैं, लेकिन इसके पीछे की भावना और तरीका मुझे स्वीकार्य नहीं था. इसलिए मैंने गैर हाजिर रहने का फैसला किया.'