दिल्ली में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बागी विधायक विनोद कुमार बिन्नी आज से पार्टी के खिलाफ धरने पर बैठने जा रहे हैं. वहीं पार्टी को सपोर्ट कर रहे विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोग भी पार्टी से नाराज हैं.
'आप' को कांग्रेस का समर्थन भले ही जारी है, लेकिन पार्टी को चंदा देने वाले एनआरआई ने अपने हाथ खींचने शुरू कर दिए हैं. न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में रहने वाले एनआरआई आम आदमी पार्टी की सरकार चलाने की शैली से नाराज हैं. 'आप' के नेताओं के हालिया रवैये से नाराज एनआरआई ने तो पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान तक शुरू कर दिया है. इन एनआरआई की तरफ से फेसबुक पर 'I Am Sorry I Voted For AAP' ग्रुप के नाम से अभियान चलाया जा रहा है.
'आप' के खिलाफ बनाए गए इस पेज को इस वक्त करीब 100 लोग फॉलो कर रहे हैं, लेकिन एनआरआई की तरफ से होने वाली फंडिंग पर इसका बड़ा असर होने वाला है. 'आप' को चंदा देने वाले एनआरआई एक बार में लाखों रुपये देते हैं जो अरविंद केजरीवाल की इस नई पार्टी के लिए 'लाइफलाइन' का काम करता है.
केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री सोमनाथ भारती द्वारा विदेशी नागरिकों के ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद पार्टी के खजाने में आने वाली चंदे की राशि कम होने लगी है. 15 जनवरी से पहले पार्टी को एनआरआई से हर दिन करीब 10 लाख रुपये का चंदा मिलता था, लेकिन इसके बाद विदेशी दानदाताओं की तरफ से मिलने वाला यह चंदा हजारों में या इससे भी कम हो गया है.
फेसबुक पर 'आप' के खिलाफ अभियान वाला पेज बनाने वाले एल्ल्पाराज रवि ने हमारे सहयोगी 'मेल टुडे' से बातचीत की. उन्होंने कहा, 'आप की सरकार जब से सत्ता में आई, तब से इसने गवर्नेंस का कोई काम नहीं किया है. पार्टी केवाल ऐसे गतिविधियों में शामिल रही है जिसका कोई मतलब नहीं है. इस सरकार ने अब तक जो भी कदम उठाए, वो अपने राजनीतिक फायदे के लिए. इसने दिल्ली के लोगों की बेहतरी के लिए कुछ नहीं किया. हमे लगा कि यह सरकार वो बदलाव करेगी जिसकी जरूरत है लेकिन यह पार्टी तो मौजूदा पार्टियों से भी खराब निकली.'
रवि न्यूजीलैंड में रहते हैं. रवि और इनकी फैमिली ने पिछले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को चार लाख रुपये का चंदा दिया था.