भारतीय वायु सेना में सर्वोच्च रैंक मार्शल हासिल करने वाले एकमात्र सेनानी अर्जन सिंह की वीरता के किस्से इतने हैं, जो आज भी देश की तीनों सेनाओं के जवान एक-दूसरे को सुनाते रहते हैं.
पूरे देश को अर्जन सिंह के अदम्य साहसी नेतृत्व का परिचय तब मिला, जब उन्होंने 1947 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के ऊपर से 100 से अधिक विमानों की उड़ान भरी.
देश का वीर अर्जन सिंह ने शनिवार की शाम दिल्ली स्थित आर्मी अस्पताल में अंतिम सांस ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जन सिंह से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे. इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अस्पताल जाकर उनका हाल-चाल लिया.
मालूम हो कि 98 वर्षीय अर्जन सिंह को जब वायु सेना प्रमुख बनाया गया था तो उनकी उम्र उस वक्त महज 44 साल थी और आजादी के बाद पहली बार लड़ाई में उतरी भारतीय वायुसेना की कमान उनके ही हाथ में थी.