सीबीआई ने उत्तर प्रदेश पुलिस को किशोरी आरुषि तलवार हत्याकांड से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत, बिस्तर की चादर और कमरे में रखे पावपोंछ मुहैया कराने के लिए कहा है.
बिस्तर की चादर और पैरपोंछ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए एक वरिष्ठ फोरेंसिक विशेषज्ञ ने कहा कि चादर पर शुक्राणुओं या खून के धब्बे या कोई अन्य सबूत हो सकता है और जांच करने पर इससे हत्यारे के बारे में कोई महत्वपूर्ण सुराग मिल सकता है.
विशेषज्ञ ने बताया कि इससे पहले सीबीआई ने गांधीनगर फोरेंसिक लेबोरेटरी में हाल में हुए नारको परीक्षण के दौरान आरुषि के माता पिता से इस संबंध में पूछताछ की थी. आरुषि तलवार 15 मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार स्थित अपने घर में मृत पायी गयी थी और उसके गले पर चोट के निशान थे. शुरूआत में सबसे पहले इस अपराध में घरेलू नौकर हेमराज पर शक की सुई घूमी थी लेकिन बाद में उसका शव छत पर पाया गया था.
आरुषि हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई टीम ने इस मामले की पहले जांच करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने अपराध स्थल पर मौजूद रहे 90 प्रतिशत सबूत नष्ट कर दिये हैं. फोरेंसिक वैज्ञानिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध स्थल को नहीं घेरा और जब हमने फिंगर प्रिंट लेने चाहे तो हमने पाया कि अनेक लोगों के फिंगर प्रिंट वहां मौजूद हैं क्योंकि मीडिया और अन्य लोगों के ढेरों निशान बन गये हैं. उत्तर प्रदेश की पुलिस ने दावा किया कि जांच के दौरान इकट्ठा किये गये सभी सबूतों को सीबीआई को सौंप दिया गया है और अब उनके पास एजेंसी के लिए कुछ नहीं बचा है.