भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से नवाज़ा गया है. वह भारतीय मूल के हैं, दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं. सोमवार को पुरस्कार के ऐलान के बाद से ही हर कोई अभिजीत बनर्जी को बधाई दे रहा है, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने कुछ ऐसा ट्वीट कर दिया कि लोगों ने उनकी ही खिंचाई कर दी.
अनंत हेगड़े ने ट्विटर पर अभिजीत बनर्जी की NYAY स्कीम का मज़ाक उड़ाया, जिसका आइडिया उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी को दिया था. अनंत हेगड़े ने जो टिप्पणी की वो लोगों को नहीं भाई और अनंत हेगड़े को खूब खरी-खोटी सुनाई.
Cheap man"s cheap n' expected reaction
— chhaya thorat (@ChhayaPT) October 14, 2019
कुछ लोगों ने ट्वीट में लिखा कि तुच्छ आदमी की तुच्छ सोच साफ नज़र आ रही है. इसके अलावा कुछ लोगों ने तंज कसते हुए लिखा कि प्लीज़, आप कुछ बॉलीवुड की फिल्में देखें और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करें. कुछ लोगों ने ट्वीट किया कि भारत को अपना नोबेल पुरस्कार बनाना चाहिए, जिसे रविशंकर प्रसाद-पीयूष गोयल जैसे नेताओं को देना चाहिए.
Atleast have some diginity for your ownself.
— Shabnam Hashmi (@ShabnamHashmi) October 14, 2019
गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार के लिए सोमवार को जब अभिजीत बनर्जी के नाम का ऐलान हुआ तभी से उनके JNU के साथ कनेक्शन की बात सामने आई, उन्होनें किस तरह भारत में गरीबी हटाने के लिए काम किया और फिर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को NYAY स्कीम का आइडिया दिया.
Sir please watch some Bollywood movies and contribute to our economy
— s (@souvikghoshnow) October 14, 2019
आपको बता दें कि अनंत हेगड़े इससे पहले भी अपने आपत्तिजनक बयानों, विवादित टिप्पणियों के लिए चर्चा में रह चुके हैं. फिर चाहे वह संविधान को बदलने वाला बयान हो या फिर नाथूराम गोडसे वाले बयान पर साध्वी प्रज्ञा का समर्थन करना हो.
He he......Mr Hegde pls also advice your finance minister as to how we can get our economy back on tracks.
— Parul Nigam (@ParulNigam9) October 14, 2019
राहुल गांधी ने भी NYAY के लिए दी बधाई
अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार मिला तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन्हें बधाई दी. राहुल ने ट्विटर पर लिखा कि अभिजीत बनर्जी को नोबेल मिलने की बधाई, उन्होंने हमारी स्कीम NYAY को तैयार करने और उसके जरिए गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने , अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए साथ दिया था. लेकिन अब उसकी जगह हमारे पास मोदीनोमिक्स है, जो कि भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है, गरीबी को बढ़ा रही है.