कांग्रेस के संकटमोचक नेताओं में शामिल अभिषेक मनु सिंघवी से पार्टी आलाकमान नाराज है. इस नाराजगी की वजह है सिंघवी का वो ट्वीट जिसमें उन्होंने बीजेपी के नायकों में शामिल विनायक दामोदर सावरकर की प्रशंसा की थी. सिंघवी का ये ट्वीट सोमवार को जब आया तो महाराष्ट्र और हरियाणा के लिए वोटिंग चल रही थी. इस ट्वीट की टाइमिंग और इसके सार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सिंघवी से खफा हैं. उन्होंने अपने एक विश्वस्त को सिंघवी को फोन करने को कहा और उनसे सफाई तलब की.
कांग्रेस कैंप में ट्वीट की चर्चा
मतदान के दिन किया गया वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी का ये ट्वीट कई संदेश लेकर आया और कांग्रेस खेमे में बैचेनी पैदा कर गया. शाम होते-होते जब एग्जिट पोल ने दोनों ही राज्यों में बंपर बहुमत से बीजेपी की सरकार बना दी तो कांग्रेस कैंप में इस ट्वीट की चर्चा और भी होने लगी. सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि सिंघवी के इस ट्वीट में था क्या? कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने ट्वीट में वीडी सावरकर की तारीफ की थी और लिखा था, "मैं व्यक्तिगत रूप से सावरकर की विचारधारा का समर्थन नहीं करता हूं, लेकिन इस तथ्य को नहीं नकारता हूं कि वह एक परिपूर्ण व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया. सावरकर ने दलित अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल गए."
टीवी चैनलों पर दी सफाई
शाम होते-होते सिंघवी पर दबाव बढ़ा और टीवी चैनलों पर जाकर उन्हें सफाई देनी पड़ी कि आखिर सावरकर को परिपूर्ण कहने का उनका मतलब क्या था. हालांकि इसे सिंघवी की ओर से डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा गया.
सोनिया के कहने पर सिंघवी को कॉल
पार्टी सूत्रों ने इंडिया टुडे को इस बात की पुष्टि की कि सिंघवी को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का फोन गया था, और उनसे ट्वीट के कथ्य और इसकी टाइमिंग पर सवाल किये गए. रिपोर्ट के मुताबिक सिंघवी को ये कॉल सोनिया गांधी के कहने पर गया, जो कि सिंघवी के ट्वीट से नाराज दिखीं.
सिंघवी का दूसरा ट्वीट
सिंघवी ने सोमवार को ही दूसरा ट्वीट किया, माना जा रहा है कि इसके जरिये उन्होंने कुछ सफाई देनी चाही, हालांकि वे अपने रुख पर कायम रहे. सिंघवी ने ट्वीट किया, "भारतीय सोच की ताकत समावेशी रही है, स्वतंत्रता संग्राम की कई धाराएं रही है-सावरकर के राष्ट्रवाद में निहित युद्ध उन्माद और हिंसक तत्व से कोई सहमत नहीं हो सकता है, न ही गांधी विरोधी उनके विचारों से, लेकिन ये माना जा सकता है कि वे राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरित थे."
The strength of Indian thinking has been inclusive. Many strands of the freedom movement have existed—one cnot agree with the jingoism or violent elements of #Savarkar’s nationalism nor with his vicious anti #Gandhism but one can accept that he was imbued by nationalist motives.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) October 21, 2019
बता दें कि महाराष्ट्र बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि अगर राज्य में फिर से उनकी सरकार बनी तो वे केंद्र से वीर सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग करेंगे.
सिंघवी के ट्वीट से कांग्रेस की किरकिरी
अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता माने जाते हैं, कई बार उन्होंने बतौर पार्टी के संकटमोचक काम किया है. लिहाजा उनके ट्वीट ने कांग्रेस के सामने थोड़ी देर के विचारधारा का सवाल खड़ा कर दिया. सोमवार को ही उन्होंने गांधी की विचारधारा के प्रसार के लिए बालीवुड के अभिनेताओं को जोड़ने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की थी.