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LPG पर सब्सिडी छोड़ने वालों की संख्या 3 लाख के पार, कॉरपोरेट घराने भी जुड़े

पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय एनर्जी समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब्सिडी छोड़ो अभियान की शुरुआत की थी उसके बाद से कुछ लोगों ने स्वतः ही इसका उपभोग करना छोड़ दिया है. अब तक 3,23,822 लोग इससे जुड़ चुके हैं.

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LPG पर सब्सिडी छोड़ने से करीब 90 रुपये का अतिरिक्त मासिक खर्च आएगा
LPG पर सब्सिडी छोड़ने से करीब 90 रुपये का अतिरिक्त मासिक खर्च आएगा

एलपीजी सब्सिडी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए दी जाती है लेकिन इसका इस्तेमाल मजबूत लोग भी करते हैं यह तो सर्वविदित है. पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय एनर्जी समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब्सिडी छोड़ो अभियान की शुरुआत की थी उसके बाद से कुछ लोगों ने स्वतः ही इसका उपभोग करना छोड़ दिया है. हालांकि यह संख्या अभी बहुत कम है.

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केंद्र सरकार ने लोगों को प्रेरित करने के लिए givitup.in वेबसाइट के जरिए इस अभियान से लोगों को जोड़ना शुरू किया. इसकी शुरुआत के बाद से 9 अप्रैल 2015 की दोपहर तक 3,23,822 लोगों ने अपने एलपीजी गैस सिलिंडर पर सब्सिडी नहीं लेने का फैसला करते हुए आवेदन डाला है.

सबसे अधिक इंडेन ग्राहकों ने सब्सिडी छोड़ने के लिए आवेदन किया है. 9 अप्रैल 2015 को इनकी संख्या 1,93,115 है. इसके बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 90, 275 और फिर भारत गैस के 40,432 ग्राहक आते हैं.

इस अभियान से कई कॉरपोरेट दिग्गज भी जुड़ चुके हैं. इनमें टाटा, वेदांता, रिलायंस, कोटक, बिरला, फ्यूचर के साथ कई अन्य शामिल हैं. कई कॉरपोरेट कंपनियों ने अपने उन कर्मचारियों से इस अभियान से जुड़ने के अपील की है जो बिना सब्सिडी की एलपीजी गैस लेने में सक्षम हैं.

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टाटा के लगभग 6 लाख जबकि बिरला के लगभग एक लाख कर्मचारी इस अभियान से जुड़ चुके हैं. अन्य कंपनियों के लगभग दो लाख कर्मचारी भी इससे जुड़ चुके हैं. हालांकि अब तक देश के कुल 16 करोड़ एलपीजी ग्राहकों में से केवल 0.2 फीसदी ही इस अभियान से जुड़े हैं लेकिन आने वाले दिनों में निश्चित ही इस संख्या में तेजी की संभावना है.

GiveItUp के ट्विटर एकाउंट से इस अभियान से जुड़ने के लिए कंपनियों को धन्यवाद भी दिया जा रहा है.

 

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