सीरिया में ISIS के सरगना अबु बकर अल बगदादी के खिलाफ अमेरिकी सेनाओं के ऑपरेशन के बाद भारत में भी सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया पर ये बहस छिड़ गई है कि क्या भारत को भी आतंकी हाफिद सईद और मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ यूएस आर्मी जैसा ऑपरेशन करना चाहिए. भारत में हत्या, विध्वंस और आतंकवाद फैलाने में खुले आम शामिल आतंकी हाफिज सईद और मसूद अजहर पाकिस्तान में पनाह लिए हुए है.
रक्षा विशेषज्ञ पी के सहगल ने कहा है कि इसमें किसी प्रकार का कोई शक नहीं होना चाहिए कि पाकिस्तान हाफिज सईद, मसूद अजहर, लखवी और दाऊद इब्राहिम के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं करेगा. उन्होंने आज तक से बातचीत में कहा कि इन आतंकियों को भारत को ही उनके आखिरी अंजाम तक पहुंचाना होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि जैसे अमेरिका की सेना सीरिया में घुसकर ऑपरेशन को अंजाम दे गई, ऐसा भारतीय सेना नहीं कर सकती है.
पढ़ें: 'कुत्ते की मौत मरा बगदादी', अमेरिकी कमांडो के कुत्तों ने दौड़ा दौड़ाकर किया बेदम
बता दें कि आतंकी हाफिज सईद लश्कर ए तैयबा का चीफ है. हाफिज सईद मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है. इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे. वहीं मौलाना मसूद अजहर पुलवामा हमले का साजिशकर्ता है. इस हमले में देश के 40 सुरक्षा जवान शहीद हुए थे. इसके अलावा मुंबई बम धमाकों का आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने भी पाकिस्तान में शरण ले रखी है. भारत इन्हें कई बार सुपुर्द करने की मांग कर चुका है, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार बहाने बनाए.
अपनी बंदूक अपने कंधे से चलाना सीखे भारत
बगदादी के खिलाफ अमेरिकी ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए पीके सहगल ने कहा कि अगर हिंदुस्तान इन आतंकियों को मारता है तो सारी दुनिया हिंदुस्तान के साथ एकजुट होकर खड़ी होगी. उन्होंने कहा, "हमें अपनी बंदूक को अपने ही कंधे से चलाना सीखना होगा. हम दुनिया को कहते हैं कि पाक की निंदा करो, उन्हें अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करो लेकिन भारत ने खुद उन्हें अब जाकर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है."
पी के सहगल ने कहा कि हमें खुद प्लान बनाना होगा ताकि अगले 6 महीने के अंदर इनको खत्म किया जाए, इन्हें खत्म करने के कई तरीके हैं. हमें अपना पैसा इस्तेमाल करना होगा, पाकिस्तान की आवाम को इस्तेमाल करना होगा. पीके सहगल ने कहा कि अमेरिका के साथ हमारी तुलना ठीक नहीं है. उन्होंने समझाया, "अंतरराष्ट्रीय इंटेलिजेंस एजेंसी मदद करने के लिए तैयार है क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हैं. दुनिया के कई सारे देश इनसे दुखी हैं. इन्होंने कई घटनाओं को अंजाम दिया है. बगदादी की मौत ने नया रास्ता तो दिखाया है लेकिन जो अमेरिका कर सकता है वह हम नहीं कर सकते, जिसका बड़ा कारण है कि अमेरिका के पास जो काबिलियत है वह वास्तव में किसी और के पास नहीं है."
अमेरिका जैसा मिशन संभव नहीं
रक्षा विशेषज्ञ पी के सहगल ने ऐसे मिशन के खतरों की ओर आगाह करते हुए कहा कि अमेरिकी डेल्टा फोर्स ने जो किया, इसके लिए वे 2 हफ्ते से इस ऑपरेशन में लगे हुए थे और 2 दिन के भीतर इसे अंजाम दिया गया. हम वास्तव में पाकिस्तान के अंदर अपनी सेना को ऐसे नहीं भेज सकते. अगर ऐसा करेंगे तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा, "हमको कुछ और तकनीक अपनानी पड़ेगी जिसके तहत हमें पाकिस्तानी लोगों को ही उनके खिलाफ इस्तेमाल करना होगा क्योंकि पाकिस्तान में सिंध-बलूचिस्तान और पाकिस्तान में बहुत सारे लोग हैं जो पाकिस्तान के खिलाफ हैं. और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां इस बारे में जानती हैं."