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जयपुर के दर्दनाक हादसे के बाद टैंकर ड्राइवर फरार, खलासी की भी तलाश कर रही SIT

जयपुर सड़क हादसे में टैंकर के ड्राइवर को तलाश करने का काम पुलिस ने SIT को दिया है. दरअसल टैंकर का चालक जयवीर ट्रेन्ड ड्राइवर था और उसे पता था कि गैस लिक होने पर कैसे बचा जा सकता है. वो घटना होते ही मौके से फरार हो गया. पुलिस की टीम जयवीर की तलाश में उसके घर तक गई लेकिन वो घर पर नहीं मिला.

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जयपुर अग्निकांड
जयपुर अग्निकांड

जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए दिल दहलाने देने वाले हादसे में एलपीजी टैंकर का ड्राइवर जयवीर फरार है, जिसकी तलाश के लिए राजस्थान पुलिस ने एसआईटी को ज़िम्मेदारी दी है. दरअसल जयवीर की इस दर्दनाक घटना में जान बच गई थी क्योंकि वो ट्रेन्ड ड्राइवर था और उसे पता था कि गैस लिक होने पर कैसे बचा जा सकता है.

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पुलिस जब मामले की जांच के दौरान एलपीजी टैंकर मालिक अनिल कुमार के यहां दिल्ली पहुंची तो पता चला कि टैंकर चालक जयवीर जिंदा है. जयवीर ने घटना होते ही सबसे पहले टैंकर मालिक को फोन किया था और उसके बाद फोन बंद कर गायब हो गया. इस घटना के समय जयवीर के साथ खलासी भी था लेकिन उसके बारे में पूछे जाने पर टैंकर मालिक का कहना है कि खलासी के बारे में ड्राइवर ही जानता है, खलासी को उसी ने रखा था. 

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टैंकर का ड्राइवर फरार है
पुलिस घटना के बाद ड्राइवर जयवीर और खलासी की तलाश कर रही है. अनिल कुमार ने बताया कि टैंकर ड्राइवर मथुरा का रहने वाला है और उसने डरकर मोबाइल बंद कर लिया है. जयवीर की तलाश में पुलिस उसके घर पहुंची मगर वो वहां नहीं मिला. एसीपी हेमेन्द्र शर्मा ने बताया कि हादसे के बाद टैंकर मालिक को ड्राइवर ने फोन किया और इतना ही कहा कि पीछे से एक ट्रक ने टैंकर को टक्कर मार दी है और गैस निकल रहा है. वो प्रशिक्षित था इसलिए गैस का रिसाव जिस तरफ हो रहा था, उसके विपरीत दिशा में खलासी के साथ भाग गया और उसके बाद उसने फोन बंद कर लिया.

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डीएनए टेस्टृ से हुई एक और शव की पहचान
एफएसएल के डायरेक्टर डॉ अजय शर्मा ने बताया कि दो शवों की पहचान डीएनए टेस्ट से पहले ही हो गई थी, वहीं तीसरे शव की भी पहचान रविवार को डीएनए टेस्ट के जरिए हो गई. डीएनए टेस्ट के जरिए जिनकी पहचान हुई है, उनका नाम प्रदीप कुमार था और वो कानपुर देहात के रहने वाले थे. जांच के लिए उनके दो भाई वीरेन्द्र सिंह और संदीप कुमार ने सैंपल दिया था. दोनों भाइयों के सैंपल प्रदीप कुमार के सैंपल से मैच हो गए.

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