जिन वीडियो क्लिप्स के आधार पर जेएनयू के कुछ छात्रों पर देश विरोधी नारेबाजी का आरोप लगाया जा रहा है, उनमें से दो वीडियो के झूठे होने की खबर मिली है. वीडियो क्लिप्स की फॉरेंसिक जांच के बाद दिल्ली सरकार ने इसका खुलासा किया है. गौरतलब है कि इन्हीं वीडियो क्लिप्स को छात्रों के खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया गया है.
नहीं लगाए गए देश विरोधी नारे
फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो में जिन शब्दों को हिंसा भड़काने वाला बताया जा रहा था, वो अलग से जोड़ा गया है. जांच में यह भी पता चला है कि वीडियो में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे भी नहीं लगाए गए. केजरीवाल सरकार ने सात वीडियो क्लिप्स को हैदराबाद बेस्ड ट्रूथ लैब्स भेजा था.
वीडियो में की गई छेड़छाड़
ट्रूथ लैब्स के चेयरमैन केपीसी गांधी ने बताया कि दो सबसे ज्यादा विवादित वीडियो में साफ तौर पर छेड़छाड़ की गई है और उनमें कुछ आवाज जोड़ी गई है. गांधी के मुताबिक ऑडियो और वीडियो में सही तालमेल न होने से पता चलता है कि वीडियो में अलग आवाज जोड़ी गई है.
आवाज का पता लगाया जा सकता है
वीडियो में आवाज किसकी है, सैंपल मिलने पर यह भी पता लगाया जा सकता है. दोनों वीडियो 9 और 11 फरवरी के बताए जा रहे हैं. लैब के चेयरमैन ने बताया कि ये फर्जी वीडियो यूट्यूब और ट्विटर पर पाए गए थे. वीडियो में जोड़े गए फर्जी क्लिप्स किसी और दिन हुई नारेबाजी के हैं. छेड़े गए क्लिप में वीडियो को एडिट किया गया और विवादित नारे जोड़ दिए गए.
कन्हैया को मिली जमानत
जेएनयू छात्रों कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को 9 फरवरी के कार्यक्रम में देश विरोधी नारेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जिसमें से कन्हैया कुमार को बुधवार शाम दिल्ली हाई कोर्ट ने छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी .
देश विरोधी नारेबाजी का पुलिस के पास सबूत
केजरीवाल सरकार ने 13 फरवरी को ही कथित नारेबाजी की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया था. वीडियो के छह सैंपल जेएनयू प्रशासन ने अपनी आंतरिक जांच के दौरान ही ट्रूथ लैब्स को भेजा था. कन्हैया कुमार के वकील का कहना है कि कन्हैया ने कोई नारेबाजी नहीं की थी. कन्हैया बाहरी छात्रों के आईडी कार्ड देखने गया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक उसके पास जेएनयू छात्रों द्वारा देश विरोधी नारेबाजी और अफजल के पोस्टर पकड़े रहने का सबूत है.
आज तक ने की थी फर्जी वीडियो बात
आज तक की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने 18 फरवरी को खबर दी थी कि कन्हैया से जुड़े कुछ वीडियो फर्जी हैं. इस खुलासे के बाद ही दिल्ली सरकार ने कुल 7 वीडियो फॉरेंसिक लैब को जांच के लिए भेजे थे.
किसने तैयार किए फर्जी वीडियो
दिल्ली सरकार ने कन्हैया से जुड़े वीडियो की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को सौंप दी है, जो मामले की दिल्ली सरकार की ओर से जांच कर रहे हैं. रिपोर्ट के जरिए अब केजरीवाल सरकार दिल्ली पुलिस पर यह दबाव बनाने में जुटी है कि पुलिस अब उन लोगों का पता लगाए, जिन्होंने कन्हैया के फर्जी वीडियो तैयार किए और अदालत को गुमराह करने की कोशिश की.