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पुणे में सहकारी बैंक अकाउंट होल्डर्स का आरोप, अकाउंट में जमा हुआ काला धन

पुणे के एक सहकारी बैंक में तीन अकाउंट होल्डर्स के खाते में जमा हुआ काला धन, अकाउंट धारकों को नहीं थी जानकारी. बैंक अफसरों से पूछताछ पर सिट्टी-पिट्टी हुई गुम.

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पुणे बैंक में कालाधन
पुणे बैंक में कालाधन

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पुणे के बारामती सहकारी बैंक के तीन अकाउंट होल्डर्स ने आरोप लगाया है कि उनके अकाउंट में काला पैसा जमा किया गया है. प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के बाद जब उन्होंने अपने पासबुक अपडेट कराए तब उन्हें इसकी जानकारी मिली. अकाउंट होल्डर जब अकाउंट अफसर के सामने आए तो अधिकारियों की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई. अधिकारी कांपने लगे. ऐसा लगा जैसे उन्हें सांप सूंघ गया हो.
अब यदि आपको प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण याद हो जहां मोदी कहते हैं "जिनके भी खाते में दूसरो ने पैसे डाल दिए है. ये पैसे गरीब वैसे ही रहने दे , नोटबंदी का ये सारा मामला ठीक ठाक होने तक , पचास दिनों तक.पचास दिन की तकलीफ होगी. आप ये पैसा यूं ही रखे रहेंगे तो मैं कोई रास्ता निकालूंगा. दिमाग लगा रहा हूं अभी , मैं दिमाग खपा रहा हूं कि गरीब के खातों में जिन्होंने भी गैर कानूनी तरीके से पैसा डाला हैं, वे जेल जाएं और गरीब के घर में रुपया पहुंचे".

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बैंकों में है शातिर दिमाग वालों की भरमार
अब ऐसा लगता है के अगर प्रधानमंत्री मोदी ने मास्टर स्ट्रोक खेला है तो उनसे भी शातिर दिमाग वाले बैंकों में बैठे हैं. एक तरफ जहां मोदी अपना दिमाग खपा रहे है कि गरीबों के खातों में गैरकानूनी तरीके से डाला जा रहा पैसा उन गरीबों को कैसे मिले वहीं पुणे में ऐसे तीन मामले सामने आये हैं. जहां गरीबों के अकॉउंट में अस्सी-अस्सी हजार रुपये डाले गए . ये पैसे नवम्बर के 17 और 19 तारीख को 40-40 हजार रुपये में डाले गए.

प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के बाद बैंक अकाउंट में आए पैसे का पता चला
प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनने के बाद पुणे के भोसरी इलाके के बारामती सहकारी बैंक के तीन अकाउंट धारको ने अपने पास बुक अपडेट कराये. तब इन गरीब लोगों को लगा कि प्रधानमंत्री की कही बात सच साबित हुई है. उनके अकाउंट में पैसे आए हैं अब घर में खुशियां भी आएंगी. लोगों को प्रधानमंत्री की वो बातें भी याद थीं कि अकाउंट से पैसा नहीं निकालना है. जैसे ही इस अकाउंट होल्डर को पासबुक अपडेट में दिखा कि कोई उसके अकाउंट से पैसा निकाल रहा है तो इस शख्स ने तय किया कि वो अपना पैसा RTGS के जरिए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लेगा.

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अकाउंट धारकों ने क्या कहा?
अकाउंट धारक देवराज देवपाल कहते हैं कि उनकी जानकारी के बगैर अकाउंट में चालीस हजार रुपये आ गए. बैंक में पूछताछ में बताया गया कि उनका खाता बंद है. जबकि ये पैसे 17 और 19 नवंबर को डाले गए. इस दौरान 15 हजार रुपये निकाल भी लिए गए. उन्होंने जब कल चेक मांगा तो उन्हें कहा गया कि अकाउंट में पैसे ही नहीं हैं.
अकाउंट धारक और शिकायतकर्ता भगवान सिंह कारगी कहते हैं कि पासबुक अपडेट कराने पर उन्हें बहुत देर तक रोका गया. बाद में कहा गया कि अकाउंट लॉक हो गया है. एग्रीमेंट और आधार कार्ड लाने को कहा गया. उन्होंने जब एटीएम से अपना अकाउंट बैलेंस देखा तो उन्हें पैसठ हजार रुपये दिखे.

आजतक से बातचीत में क्या कहते हैं बैंक के अफसर?
आजतक ने जब इस मामले में सीधे बैंक जाकर अकाउंट अफसर इन लोगों के अकाउंट में बिना जानकारी पैसे डालने और निकालने की बात कही तो अफसर मुकर गए. पहलेपहल तो सूर्यवंशी नामक अकाउंट अफसर ने साफ इनकार कर दिया के ऐसे पैसे डालने की कोई बात नहीं हुई है, लेकिन जब आजतक ने इस अकाउंट अफसर के सामने अकाउंट होल्डर को ही पेश किया तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी. ऐसा लगा जैसे उसे सांप सूंघ गया हो. हालांकि उसने फिर भी नहीं माना कि कुछ गलत हुआ है. वह कहता रहा कि सिर्फ प्रिंटिंग मिस्टेक हुई है . जब अधिकारी से पूछा गया कि प्रिंटिंग मिस्टेक की स्थिति में एक महीना तक अकॉउंट में पैसा क्यों जमा रखा तो वे कुछ भी जवाब न दे सके.

इसके बाद भी अधिकारी ने पासबुक की एंट्री देखी और इसी बात पर टिका रहा कि सिर्फ प्रिंटिंग मिस्टेक हुई है. तीन अकाउंट धारकों के लगाए गए आरोपों का वे स्पष्टीकरण नहीं दे सके. ऐसा माना जा रहा है कि अगर सही तरीके से सहकारी बैंक्स के सभी अकाउंट्स की जांच होती है तो बड़े घपले का भंडाफोड़ हो सकता है.



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