गृह मंत्री पी चिदंबरम की ओर से हाल ही में आलोचनाओं के घेरे में आए पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि यह आरोप प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है और दंतेवाड़ा नक्सली हमले के बाद इस बुराई से निपटने के लिए ‘सामूहिक जिम्मेदारी’ लेने की जरूरत है.
नक्सल समस्या को गंभीर करार देते हुए मेलमिलाप का भाव व्यक्त करते हुए बुद्धदेव ने कहा ‘यह किसी पर आरोप लगाने का समय नहीं है. यह एक दूसरे पर आरोप लगाने का वक्त नहीं है. यह आपस में मिलकर काम करने का समय है. यह सामूहिक जिम्मेदारी है और हमें मिलकर कर काम करना है.’
बुद्धदेव भट्टाचार्य से छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 75 जवानों के शहीद हो जाने पर गृह मंत्री पी चिदंबरम के इसकी पूरी जिम्मेदारी लेने और इसकी जिम्मेदारी उनकी मेज तक आने की टिप्पणी के बारे में पूछा गया था. उन्होंने कहा ‘जब तक हम आपस में मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक माओवादी हिंसा से निपटना काफी कठिन होगा.’
इससे पहले, सोमवार को भट्टाचार्य ने लालगढ़ की यात्रा के दौरान गृह मंत्री पी चिदंबरम के उस बयान की काफी आलोचना की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की मेज तक आती है. इसके बाद नाराज बुद्धदेव ने उनसे ज़ुबान पर क़ाबू रखने को कहा था. गृह मंत्री के बयान से नाराज मुख्यमंत्री ने कहा था कि चिदंबरम जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह राजनीतिज्ञों की नहीं है.
बुद्धदेव ने कहा था, ‘अब देश में क्या स्थिति है. उन्हें अपना काम करना चाहिए और मैं अपना काम कर रहा हूं.’ बुद्धदेव ने कहा कि माओवादियों और तृणमूल कांग्रेस के बीच ‘मिली भगत’ है और उन्होंने इस बात को केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम को बता दिया है हालांकि वे ‘इसको पसंद नहीं करते’ हैं. {mospagebreak}
भट्टाचार्य ने कहा कि नक्सलियों से निपटने के लिये केंद्र और राज्यों को एक दूसरे पर आरोप लगाने की बजाय मिलकर काम करना चाहिये. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘जब भी मैं गृहमंत्री से मिलता हूं, मैं उन्हें बताता हूं कि (तृणमूल कांग्रेस और माओवादी) आपस में मिले हुये हैं. यह एक गंभीर समस्या है.’ चिदंबरम की प्रतिक्रिया के बारे में भट्टाचार्य ने कहा, ‘जैसा की पहले से है उन्होंने इसे पसंद नहीं किया.
गृहमंत्री माओवादियों का समर्थन करने वाले किसी दल, व्यक्ति, गैर सरकारी संगठन या मीडिया को पसंद नहीं करते हैं.’ बुद्धदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री की अमेरिका और ब्राजील की यात्रा से लौटने के बाद वह उनसे मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी रणनीति और योजनाओं पर पुर्नविचार करना होगा. मैं इस स्थिति से संतुष्ट नहीं हूं. हमें और अधिक काम करना होगा.’
योजना आयोग के सदस्यों के साथ गुरुवार को अपनी बैठक का हवाला देते हुए बुद्धदेव ने कहा कि अन्य बातों के अलावा उन्होंने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यो को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए विशेष कोष की मांग की. उन्होंने कहा ‘28 पुलिस थानों के तहत आने वाले इलाके इससे प्रभावित है. हम इन क्षेत्रों में विकास कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं. हमें इन क्षेत्रों में सड़क सम्पर्क, सिंचाई और स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए विशेष वित्तपोषण की जरूरत है.’ {mospagebreak}
मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवादी समस्या महज कानून एवं व्यवस्था से जुड़ी समस्या नहीं है बल्कि हमें साथ साथ विकास कार्यो को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है. यह पूछे जाने पर कि इन क्षेत्रों में अभी तक विकास क्यों नही हुआ, बुद्धदेव ने पूछा ‘लगता है कि आप इन क्षेत्रों में नहीं गए. इन क्षेत्रों में विकास कार्य देश के अन्य आदिवासी क्षेत्रों से काफी अधिक है. अगर आप इसकी तुलना कोलकाता के रहन-सहन के स्तर से करेंगे तो आप गलत धारणा बनायेंगे.’
बुद्धदेव ने माओवादी नेता किशनजी के घायल होने या नहीं होने के बारे में पूछे गए प्रश्न पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए सकारात्मक वाषिर्क योजना में सहयोग के लिए वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी को विशेष तौर पर धन्यवाद दिया.