केरल के बारे में ओपिनियन पोल के जो आंकड़े मिले हैं, उसके मुताबिक लेफ्ट फ्रंट को इस बार जाना पड़ेगा. राज्य में यूडीएफ का गठबंधन सत्ता में आ सकता है.
केरल में कौन बनाएगा सरकार. आजतक-इंडिया टुडे-मेल टुडे-ओआरजी ओपिनियन पोल के आंकड़े तख्ता पलट का संकेत दे रहे हैं. सर्वे के मुताबिक 140 सीटों वाली विधानसभा में इस बार यूडीएफ को 96 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एलडीएफ के खाते में सिर्फ 41 सीटें जाती दिखाई दे रही हैं. ये संख्या बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े 71 से काफी नीचे है.
ये आंकड़े साल 2006 के नतीजे के ठीक उलट हैं जिसमें यूडीएफ को सिर्फ 40 सीटें मिली थीं और एलडीएफ के 99 विधायक जीत कर आए थे. बेहतर सीएम किसे मानते हैं, इस सवाल पर केरल के 34.3 फीसदी लोगों ने वीएस अच्युतानंदन का नाम लिया, जबकि ओमन चांडी को 28.3 फीसदी लोग पसंद करते हैं. राज्य के साढ़े चार फीसदी लोगों ने कहा कि वे एके एंटनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं. {mospagebreak}
केरल में चुनावी मुद्दे क्या हैं. सर्वे के मुताबिक 78.7 फीसदी लोगों ने महंगाई को सबसे ऊपर रखा है. लेकिन 18 फीसदी लोग महंगाई को मुद्दा नहीं मानते. इसी तरह राज्य के 70.4 फीसदी वोटर भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा मानते हैं जबकि 23.7 फीसदी इससे इत्तफाक नहीं रखते. केरल के 65.9 फीसदी लोगों ने कहा कि वे वोट करते वक्त बिजली-पानी-सड़क के मुद्दे को ध्यान में रखेंगे, जबकि 28.3 फीसदी लोगों को ये मुद्दा गैरजरूरी लगता है.
इसी तरह बेराजगारी की समस्या को करीब 55 फीसदी लोगों ने चुनावी मुद्दा माना है, जबकि 35.6 फीसदी का कहना है कि नहीं, बेरोजगारी कोई मुद्दा नहीं है. सर्वे के दौरान केरल के लोगों से हमने पूछा कि क्या सीपीएम की आपसी खींचतान का चुनाव पर कोई असर पड़ सकता है? केरल के लोगों से पूछा कि क्या पूर्व सीवीसी पीजे थॉमस और जस्टिस बालाकृष्णन पर लगे आरोपों से उनके राज्य की छवि प्रभावित हुई है.