अमेरिका ने आज पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाते हुए मुम्बई हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई को ‘अत्यंत आवश्यक’ बताया और कहा कि पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में आतंकवाद की ‘पनाहगाहों’ को खत्म करने के लिये ठोस और विश्वसनीय कदम उठाने की जरूरत है.
अपनी रणनीतिक साझीदारी का ‘नया दौर’ शुरू करने जा रहे भारत और अमेरिका ने आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने की कोशिशों को और बढ़ाने का संकल्प लेते हुए विशेषकर सूचनाओं को साझा करने तथा क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये.
अपनी 90 मिनट की बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा आतंकवाद तथा जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये परस्पर सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए. दोनों नेताओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य तथा कृषि क्षेत्र में भी नए द्विपक्षीय कदम उठाने का निर्णय लिया.
दोनों पक्षों ने विश्वविद्यालय स्तर पर सम्पर्क बढ़ाने के लिये ‘सिंह-ओबामा 21वीं शताब्दी ज्ञान पहल’ और फुलब्राइट नेहरू कार्यक्रम का विस्तार करने पर सहमति जताई. यह फैसला भी किया गया कि स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के प्रयासों के तौर पर भारत में रीजनल ग्लोबल डिसीज डिटेक्शन सेंटर स्थापित किया जाए. स्वच्छ उर्जा और जलवायु परिवर्तन के सम्बन्ध में भी एक पहल का एलान किया गया.