पकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने बुधवार को कहा कि मुंबई हमले के बाद जमात-उद-दावा पर कार्रवाई राष्ट्रीय हित में है और अधिकारी देश के कानून के तहत सभी संदिग्धों पर कार्रवाई करेंगे.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के सहयोगियों के साथ बैठक में मंगलवार को जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन इसकी इच्छाओं को कमजोरी के रूप में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार देश की एकता एवं संप्रभुता से समझौता नहीं करने को दृढ़ संकल्प है. उनकी टिप्पणी पाकिस्तान के अन्य नेताओं के विपरीत है जिन्होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकी गुट घोषित किए जाने के बाद जमात के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
जरदारी ने अवामी नेशनल पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट एवं जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रतिनिधिमंडल के साथ अलग-अलग मुलाकात की. मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि जमात-उद-दावा पर कार्रवाई के सरकार के निर्णय की जमीयत ने कड़ी आलोचना की और इसके प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इस पर बिना किसी साक्ष्य के कार्रवाई करने पर चिंता जाहिर की. रहमान ने यह भी कहा कि चरमपंथ एवं आतंकवाद से लड़ने के लिए सरकार को मेल-मिलाप का रास्ता चुनना चाहिए.
जरदारी ने रहमान से कहा कि मुंबई हमले के बाद व्यापक राष्ट्रीय हित में सरकार ने जमात के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी भी आतंकी संदिग्ध पर अपने कानून के तहत कार्रवाई करेगा. सूत्रों ने कहा कि एएनपी के प्रमुख असफंदयार वली खान ने मुंबई की घटना के बाद दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुए तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की. उनका भारत की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के साथ अच्छा संबंध है.