सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने दार्जिलिंग भूमि घोटाले में कथित रूप से शामिल चार जनरलों के खिलाफ ‘आर्मी एक्ट’ के तहत ‘जरूरी कार्रवाई’ का वादा किया लेकिन कहा कि ‘व्यक्तिगत पूर्वाग्रह’ और ‘मीडिया के दबाव’ में न्याय नहीं किया जाएगा.
सेना दिवस से पहले संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत में उन्होंने कहा, ‘‘हम आर्मी एक्ट के नियमों के अनुरूप जरूरी कार्रवाई करेंगे.’’ निष्पक्ष न्याय को अपनी पहली प्राथमिकता बताते हुए जनरल दीपक कपूर ने दोहराया कि रक्षा बल ही ऐसे संगठन हैं जहां कोई भी अनियमितता मिलते ही तेजी से न्यायिक कार्रवाई की जाती है.
उन्होंने कहा, ‘‘बाहरी विचार विमर्श या मीडिया के दबाव में न्याय नहीं किया जाएगा.’’ जनरल कपूर ने कहा कि सुकना भूमि मामले में उन्हें कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी से सूचनाएं और पूर्वी कमांडर एवं सेना मुख्यालय में एड्यूटेंट जनरल के विधि सलाहकार की अनुशंसाएं मिली हैं. न्याय के वितरण पर जनरल कपूर की टिप्पणियां इस पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण है कि मीडिया की कुछ खबरों में कहा गया कि आरोपी जनरलों में से कुछ आसानी से छूट सकते हैं.
संवाददाता सम्मेलन शुरू होते ही सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘इससे पहले की आप सवाल पूछें, मैं सुरक्षा संबंधी कुछ मुद्दों पर बात करना चाहूंगा लेकिन सबसे पहले सुकना मामला.’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में जरूरी विचार विमर्श और विश्लेषण के बाद कई निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी है और मामले पर उनके लिए टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
सेना प्रमुख ने कहा कि खुद सेना इस मामले को प्रकाश में लाई, किसी बाहरी एजेंसी ने इसका खुलासा नहीं किया. उन्होंने कहा कि किसी और संगठन से अलग सेना गैर लाभकारी उद्देश्यों, राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा पर विचार-विमर्श का काम करती है. जनरल कपूर ने कहा कि सेना के मूल्यों और संस्कृति में उच्च स्तर कायम रखा जाएगा और इसके लिए उन्होंने मीडिया की भूमिका पर भी जोर दिया.