अभिनेता सलमान खान बृहस्पतिवार को यहां की एक विशेष अदालत में पेश हुए और उन्होंने माफिया सरगना छोटा शकील के गुर्गे अंजुम फजलानी के खिलाफ गवाही दी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार फजलानी ने सलमान को धमकी दी थी कि वह निर्माता नाजिम रिजवी की फिल्म ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ (2001) के लिये अपनी फीस कम करे अन्यथा खतरनाक परिणाम भुगतने को तैयार रहे.
सलमान ने करीब डेढ़ घंटे कटघरे में खडे होकर शांतिपूर्वक सवालों के जवाब दिये.
अभिनेता ने विशेष मकोका न्यायाधीश एम पी कुकडे को बताया कि सहायक निर्माता अब्दुल रहीम अल्लाबख्श और रिजवी उनके पास फिल्म में अभिनय की पेशकश लेकर आये थे.
उन्होंने कहा कि मैं राजी हो गया बशर्ते कोई ख्यातिप्राप्त निर्देशक फिल्म का निर्देशन करें. रहीम खुद निर्देशन चाहते थे लेकिन वह राजी हो गये और निर्देशन अब्बास मस्तान ने किया. सलमान ने लेकिन कहा कि वह फजलानी को नहीं याद कर सके क्योंकि वह एक अथवा दो बार उनसे मिले थे.
अभियोजन पक्ष का कहना है कि 2001 में रिलीज हुई फिल्म को वित्तीय मदद छोटा शकील के कहने से हीरे के व्यापारी भरत शाह ने करायी थी. शाह रिजवी और रहीम पर आरोप हैं और उन पर मकोका तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है.
सन् 2003 में रिजवी और रहीम को मकोका के तहत दोषी ठहराया गया. शाह को मकोका के तहत आरोप से बरी कर दिया गया लेकिन आईपीसी के तहत उन्हें दोषी ठहराया गया. उस वक्त फजलानी का पता नहीं लग पाया था और उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया. सन् 2006 में फजलानी को दुबई से स्वदेश लाया गया.
सलमान ने शाह और रिजवी के खिलाफ गवाही दी थी लेकिन बाद में वह मुकर गये. शाहरूख खान प्रीति जिंटा राकेश रौशन तथा महेश मंजरेकर जैसे कई अभिनेता शाह और रिजवी के खिलाफ गवाही दे चुके हैं. प्रीति को छोड़कर सभी बाद में मुकर गये.