अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और पिछले दो सत्रों से सदन की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाने को इस्तीफे की वजह बताया है. मिथुन का अभी डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी था.
मिथुन पिछले एक साल से राज्यसभा की बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे थे. इसके लिए वो लगातार लिखित में अर्जी भेज रहे थे जिसमें वो अनुपस्थित रहने की अनुमति मांग रहे थे.
वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भी मिथुन चक्रवर्ती के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है. पार्टी के प्रवक्त डेरेक ओब्रायन ने बताया कि खराब सेहत की वजह से मिथुन ने इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने मिथुन को जल्द ठीक होने की कामना की. टीएमसी नेता ने कहा कि भविष्य में मिथुन से पार्टी के रिश्ते बने रहेंगे.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 2011 में ममता बनर्जी ने पहली बार भारी बहुमत से राज्य में सरकार बनाई थी तो मिथुन को तृणमूल कांग्रेस की ओर राज्यसभा सदस्य बनने का न्योता दिया था. दिलचस्प ये है कि मिथुन को हमेशा सीपीएम नेता और पूर्व खेल मंत्री दिवंगत सुभाष चक्रवर्ती का नजदीकी माना जाता था. हालांकि ममता के न्योते से पहले मिथुन कभी राजनीति में सक्रिय नहीं रहे थे. उन्हें सक्रिय राजनीति में लाने का श्रेय ममता बनर्जी को ही जाता है.
मिथुन चक्रवर्ती को शारदा चिट फंड घोटाले से कथित जुड़ाव को लेकर विरोधी निशाना बनाते रहे हैं. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से समन भी किया गया था. पार्टी सूत्रों के मुताबिक मिथुन ने तीन साल में एक हफ्ते भी राज्यसभा की बैठक में हिस्सा नहीं लिया इसलिए इस्तीफा अपेक्षित था.