चुनाव आयोग ने उन 255 राजनीतिक दलों को अपनी रजिस्ट्रेशन सूची से बाहर कर दिया है, जिनका अस्तित्व सिर्फ कागजों तक है. चौंकाने वाली बात यह है कि ऐसे ही एक राजनीतिक दल का जो पता बताया गया है, वह केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का आवास है. यही नहीं दिल्ली में जम्मू-कश्मीर सीआईडी के ऑफिस के पते पर भी एक राजनीतिक दल का रजिस्ट्रेशन था. चुनाव आयोग ने समीक्षा के बाद पाया था कि इन राजनीतिक दलों की तरफ से 2005 से 2015 के बीच कोई भी कैंडिडेट विधान सभा या लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ा है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार इनमें से एक राजनीतिक दल ऐसा है जिसका पता 17 अकबर रोड, नई दिल्ली दिया गया है, जो केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का आधिकारिक निवास है. इस राजनीतिक दल का नाम है- 'आल इंडिया प्रोग्रेसिव जनता दल'. इसी तरह 'पवित्र हिंदुस्तान कड़गम' पार्टी ने 11, हरीश चंद्र माथुर लेन, दिल्ली का जो पता दिया है, उसमें जम्मू-कश्मीर सीआइडी का ऑफिस है. गुड़गांव के पते से रजिस्टर्ड ऐसे ही एक राजनीतिक दल 'राष्ट्रीय मातृभूमि पार्टी' के कर्ताधर्ता तीन मंजिला बंगले में रहने वाले एक होम्योपैथी डॉक्टर हैं. उनका दावा है कि फंड की कमी की वजह से उन्होंने पांच-छह साल पहले ही इस पार्टी का कामकाज समेट लिया है.
इस सूची को चुनाव आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के पास भेज दिया है, ताकि वह वित्तीय मामलों की जांच के लिए 'आगे की कार्रवाई' कर सके. इन पार्टियों को अब रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों को मिलने वाली छूट नहीं दी जा सकती. चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत खुद को मिले अधिकारों के तहत समीक्षा कर इन पार्टियों को अपनी रजिस्ट्रेशन सूची से बाहर किया था. चुनाव आयोग आगे भी ऐसे कई राजनीतिक दलों की सूची जारी करेगा. पहली सूची में जिन राजनीतिक दलों का नाम है उनमें सबसे ज्यादा 52 पार्टियां दिल्ली से, 41 उत्तर प्रदेश से, 30 तमिलनाडु से और 24 पार्टियां महाराष्ट्र से हैं.
सीबीडीटी अब इस बात की जांच करेगा कि कहीं इन पार्टियों को काले धन को सफेद करने या मनी लॉन्डरिंग का साधन तो नहीं बनाया गया था. ऐसा करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इससे अब यह साफ संदेश जाएगा कि अब सिर्फ काले धन को सफेद करने के लिए किसी राजनीतिक दल का गठन नहीं किया जा सकता.