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राहुल गांधी नहीं बने कांग्रेस संसदीय दल के नेता, अधीर रंजन चौधरी को मिली जिम्मेदारी

कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल का नया नेता नियुक्त किया है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल को चिट्ठी लिखकर अधीर रंजन चौधरी के कांग्रेस संसदीय दल के नेता चुने जाने की जानकारी दी.

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बहरामपुर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी.  (फाइल फोटो)
बहरामपुर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी. (फाइल फोटो)

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कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल का नया नेता नियुक्त किया है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल को चिट्ठी लिखकर अधीर रंजन चौधरी के कांग्रेस संसदीय दल के नेता चुने जाने की जानकारी दी. लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के नाते अधीर रंजन चौधरी कई सरकारी कमेटियों और महत्वपूर्ण चयन समितियों में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे.

अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बेहरामपुर से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए हैं. ये उनकी पांचवीं जीत है. वह 1999 से लगातार लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं. पश्चिम बंगाल में ममता और मोदी की प्रचंड लहर के दौरान भी उन्होंने अपनी सीट बचाए रखी.  मंगलवार को जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में अगली कतार में उसी सीट पर बैठे नजर आए, जिस पर 16वीं लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नेता के तौर पर बैठा करते थे. मल्लिकार्जुन खड़गे इस बार चुनाव हार गए हैं.

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अधीर रंजन चौधरी की छवि एक जुझारू नेता की रही है. सियासत में अबतक वे ममता बनर्जी को अपना प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंदी मानते हैं. ममता का विरोध करने की वजह से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. अधीर रंजन चौधरी दो बार विधायक भी रह चुके हैं, वे यूपीए सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

कांग्रेस में जोश फूकंने का अहम जिम्मा

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पर अब कांग्रेस कैडर और नेतृत्व में जोश फूंकने की जिम्मेदारी है. इसके अलावा संसद में नरेंद्र मोदी सरकार को नीतियों और मुद्दों पर घेरकर उन्हें अपनी राजनीतिक कौशल साबित करना होगा. कुछ ही महीनों में देश के पांच राज्यों झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में विधानसभा चुनाव है, कांग्रेस के संसदीय दल का नेता होने के नाते उन्हें इन राज्यों में पार्टी नेतृत्व में जोश का संचार करना होगा.

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