उत्तर प्रदेश में लगभग सभी पार्टी के नेताओं की प्रॉपर्टी में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रॉपर्टी की इस लिस्ट में बड़े बड़े नेताओं के नाम सबसे ऊपर हैं. यूपी इलेक्शन वॉच के नाम से एडीआर ने यह रिपोर्ट जारी की है.
एडीआर ने यह भी बताया है कि बीजेपी, बीएसपी, एसपी और कांग्रेस के निवार्चित नेताओं में 21 फीसदी से लेकर 42 फीसदी तक नेता आपराधिक बैकग्राउंड से हैं. साल 2014 में आम चुनाव से लेकर हाल के विधानसभा चुनावों तक यूपी में कुल 19997 नेताओं में कम से कम 1443 ने माना कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
इसी रिपोर्ट में यूपी के सांसदों और विधायकों की प्रॉपर्टी का भी आंकड़ा दिया गया है. सांसदों में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम अहम हैं जिनकी प्रॉपर्टी अच्छी-खासी बढ़ी है.
विधायकों में मुख्तार अब्बास नकवी और दुर्गा प्रसाद यादव दो ऐसे नाम हैं जिनकी संपत्ति में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. दोनों नेता तीन बार विधायक बने हैं और इनकी प्रॉपर्टी 6 करोड़ रुपए से ज्यादा तक बढ़ी है. इस रिपोर्ट को एडीआर के संस्थापक सदस्य प्रोफेसर त्रिलोचन शास्त्री और संस्था के यूपी कोऑर्डिनेटर संजय सिंह ने जारी किया है. रिपोर्ट में नेताओं के आपराधिक बैकग्राउंड का भी हवाला दिया गया है जिसमें बताया गया है कि 1443 सांसदों और विधायकों में 38 प्रतिशत नेताओं ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की बात कबूल की है. इनमें 23 प्रतिशत (328) पर गंभीर केस चल रहे हैं.
एडीआर ने उन पांच सांसदों का खासकर विवरण पेश किया है जो कई बार निर्वाचित हुए हैं. 2004 से 2014 के बीच दिए गए हलफनामे के मुताबिक केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की प्रॉपर्टी सर्वाधिक 37 करोड़ रुपए हो गई है. 10 साल में मुलायम सिंह की 14 करोड़, राहुल गांधी की 9 करोड़, सोनिया गांधी की 9 करोड़ और ब्रज भूषण सरण की संपत्ति बढ़कर 2 करोड़ रुपए हो गई है.
कांग्रेस अध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी की 2004 में औसत प्रॉपर्टी 55 लाख 38 हजार रुपए थी जो 2009 में बढ़कर 2 करोड़ 32 लाख हो गई और 2014 में यह आंकड़ा 9 करोड़ 40 लाख को छू गया. सोनिया गांधी के साथ भी ऐसा ही हुआ. यूपीए अध्यक्ष और रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी के पास 2004 में 85 लाख 68 हजार रुपए की संपत्ति थी, जो 2009 में 2 करोड़ 32 लाख हुई और 2014 में 9 करोड़ 40 लाख हो गई.
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के पास 2004 में 6 करोड़ 67 लाख की प्रॉपर्टी थी जो 2009 में 18 करोड़ 28 लाख हो गई और 2014 में यह बढ़कर 37 करोड़ हो गई. मुलायम सिंह यादव 1 करोड़ 15 लाख की संपत्ति के मालिक थे जो पहले तो 2 करोड़ 23 लाख हुई और 2014 में यह बढ़कर 37 करोड़ रुपए तक पहुंच गई. कैसरगंज के सांसद ब्रज भूषण शरण की संपत्ति में भी बड़ी बढ़ोतरी दर्ज हुई है. 2004 में इनके पास 3 करोड़ 28 लाख की प्रॉपर्टी थी जो 2009 में 5 करोड़ 35 लाख हुई और 2014 में 6 करोड़ 16 लाख तक हो गई.