प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कानपुर यात्रा के दौरान परोसे जाने वाले भोजन के मेन्यू में शामिल खाद्य पदार्थ में मिलावट की बात सामने आने पर अब जिला प्रशासन ने मिलावट के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ने के आदेश दिये हैं. यही नहीं मिलावटी सामान का कारोबार करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) और गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी.
वैसे प्रधानमंत्री को मिलावटी सामान वाला कोई भी व्यंजन नहीं परोसा गया था और जिन चीजों में मिलावट पायी गयी थीं उन्हें मेन्यू से हटा दिया गया था. कानपुर नगर के जिलाधिकारी (डीएम) मुकेश मेश्राम ने बातचीत में कहा कि मिलावट खोरो को अब किसी भी हालत में बख्शा नही जायेगा और उनके खिलाफ अभियान पहले से ही चल रहा था लेकिन अब इस अभियान में और तेजी लायी जायेगी. उन्होंने कहा कि मिलावट करने वालों के खिलाफ एनएसए और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी ताकि उसे जल्दी अदालत से जमानत न मिल सके और वह दोबारा मिलावट का कारोबार करने की हिम्मत न कर सकें.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तीन जुलाई को आईआईटी कानपुर के दीक्षांत समारोह में भाग लेने शहर आये थे. दो दिन पहले एसपीजी ने प्रधानमंत्री को जो खाना परोसा जाना था उसके राशन के 25 नमूने पब्लिक एनालिस्ट लैब लखनउ में जांच के लिये भेजे थे. डीएम के मुताबिक प्रधानमंत्री के आने के दो घंटे पहले जिला प्रशासन के पास लैब से यह रिपोर्ट आई कि प्रधानमंत्री को जो मूंग की दाल परोसी जाने वाली है और जो खरबूजे के बीज (मस्क मेलन) मिठाई में इस्तेमाल किये जाते हैं उसमें मिलावट है. इसके बाद इस बाबत तुरंत एसपीजी को सूचित किया गया और एसपीजी ने इन दोनो खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल रोक दिया.{mospagebreak}
इस घटना के बाद आई आई टी प्रशासन भी हरकत में आया और उसने मामले की जांच के आदेश दे दिये है क्योंकि प्रधानमंत्री को जो खाना परोसा जाना था उसका राशन आईआईटी में राशन सप्लाई करने वाले ने दिया था. आईआईटी के निदेशक प्रो संजय गोविंद धांडे ने इस राशन सप्लाई करने वाले के खिलाफ जांच के आदेश दे दिये है. डीएम मेश्राम ने एक बार फिर साफ किया कि प्रधानमंत्री सिंह को जो भोजन परोसा गया उसमें किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं थी.
डीएम मेश्राम ने बताया कि जनवरी 2010 से जिला प्रशासन द्वारा मिलावट खोरी के खिलाफ जो अभियान चलाया गया था उसमें करीब 547 खादय पदाथरे के नमूने जांच के लिये लखनऊ स्थित लैब भेजे गये थे. इसमें दालें, बेसन, तेल, चावल, दूध, खोया, पनीर, आइसक्रीम से लेकर लगभग सभी खाद्य पदार्थ शामिल थे. डीएम के मुताबिक इसमें से करीब 91 खाद्य पदार्थ के नमूनो की रिपोर्ट जिला प्रशासन के पास आ गयी है और इनमें मिलावट की पुष्टि हो गयी है. अब जिला प्रशासन इन सभी मिलावट का कारोबार करने वालो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रहा है और इस मामले में किसी भी तरह की कोई रियायत नही होगी.{mospagebreak}
जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार औद्योगिक शहर कानपुर मिलावटी सामान का गढ़ बन गया है. मसालो में धान की भूसी की मिलावट, छुआरे में चमक के लिये सल्फर की मिलावट, आइसक्रीम में खतरनाक केमिकल और सिंथेटिक दूध की मिलावट, बेसन में चने की दाल की जगह मटर की दाल की मिलावट, देशी घी में वनस्पति घी की मिलावट, खादय तेलो में चावल की भूसी से बनने वाले तेल की मिलावट तथा खोये में भी मिलावट होने की खबर है.
नकली और मिलावटी सामान बेचने वालो के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नही होती है, इस सवाल के जवाब में नगर निगम के एक आला अधिकारी कहते है कि कानपुर उत्तर प्रदेश में मिलावटी खाद्य पदार्थ का सबसे बड़ा केन्द्र बनता जा रहा है और यहां हर सामान में मिलावट पायी जा रही है. नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि जनवरी 2010 से अभी तक नगर निगम ने शहर के विभिन्न स्थानों पर छापा मार कर मिलावटी खोया, देशी घी, मसाले, नमकीन दालमोट, चायपत्ती सहित अनेक मिलावटी खादय पदाथरे की भारी भारी मात्रा पकड़ी. उन्होंने कहा कि विभाग का काम होता है नकली और मिलावटी माल को सील करना और उनके नमूने लेकर लखनऊ स्थित लैबोरेटरी भेजना जब वहां से रिपोर्ट आ जाती है कि यह सामान के नमूनो में मिलावट हुई है तब हमें आगे की कार्रवाई करते है.{mospagebreak}
अधिकारियों का कहना है कि जब तक लखनऊ स्थित लैब से रिपोर्ट नहीं आ जाती हम कोई कार्रवाई नहीं कर सकते है. अब जब कुछ मामलो में रिपोर्ट आ गयी है तो कार्रवाई करेंगे. नगर निगम के अधिकारी कहते है कि नियमत: लखनऊ स्थित प्रयोगशाला से मिलावटी नमूनों की रिपोर्ट चालीस दिन के भीतर आ जानी चाहिये लेकिन कभी कभी इस रिपोर्ट को आने में कई महीने लग जाते है जिस कारण मिलावटी वस्तुओं का कारोबार करने वालो के खिलाफ कार्रवाई नही हो पाती.
डीएम मेश्राम ने शहर की जनता से भी अपील की है वह शहर में कहीं भी किसी खाद्य पदार्थ में मिलावट पायें तो उनके मोबाइल पर एसएमएस के जरिये संदेश दे सकते हैं उस मिलावट खोर के यहां तुरंत छापा मारकर कार्रवाई की जायेगी.