देश के राजनीतिक माहौल को निर्णायक तरीके से कांग्रेस से भाजपा के पक्ष में बदलने के लिए मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा और अल्पसंख्यकों के बीच समीकरण बदलने का आह्वान किया.
पार्टी की तीन दिवसीय बैठक के समापन भाषण में आडवाणी ने रविवार को कहा, ‘मेरा मानना है कि भाजपा और अल्पसंख्यकों के बीच पारस्परिक समीकरण बदलने चाहिए ताकि भारत के लोकतंत्र, विकास और राष्ट्रीय एकीकरण में मौलिक बदलाव लाया जा सके.’ उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने सुशासन और विकास के एजेंडा में अल्पसंख्यकों के प्रति वचनबद्धता के चार्टर को शामिल करते हुए इस दिशा में पहल करनी चाहिए.
गौरतलब है कि भाजपा की एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी और उसके बाद दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किसी भी नेता के भाषण और प्रस्ताव में राम मंदिर, समान आचार संहिता या धारा 370 जैसे मुद्दे नहीं उठाये गये.
अल्पसंख्यकों को साथ लाने पर जोर देते हुए आडवाणी ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि इस प्रयास में हम सफल होंगे. गोवा में हम ईसाई समुदाय के बड़े वर्ग के दिलों को जीतने में सफल रहे हैं. हमने अपने विरोधियों के इस दुष्प्रचार को धराशायी कर दिया कि भाजपा अल्पसंख्यकों की शत्रु है. गोवा में हाल के चुनाव में भाजपा की शानदार विजय एक असाधारण उपलब्धि है.’
राजग के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘इस संदर्भ में यह जानकार खुशी हुई है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के खुद ब खुद किये जा रहे दुष्प्रचार के स्वभाव को समझना शुरू कर दिया. इसका एक अच्छा उदाहरण जमायत उलेमा ए हिंद के नेता महमूद मदनी की हाल की टिप्पणी है जिसमें उन्होंने गुजरात में भाजपा सरकार के कामकाज की प्रशंसा की है.’
मुसलमानों समेत अल्पसंख्यकों के भाजपा से जुड़ने का विश्वास जताते हुए आडवाणी ने कहा, ‘गुजरात के जामनगर में सलाया एक छोटा सा मुस्लिम बहुल आबादी वाला कस्बा है. गुजरात नगर निगम के चुनाव में पिछले महीने यहां भाजपा को सुखद आश्चर्य हुआ. 25 वर्ष में पहली बार कांग्रेस को वहां सत्ता से खदेड़ दिया गया. नगर निगम की सभी 27 सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल की और इन विजयी उम्मीदवारों में 24 मुसलमान हैं. भाजपा के लिए यह सब एक शगुन साबित हुआ है.’ उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए कहा कि अनेक विदेशी सरकारों ने भी गुजरात सरकार और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी सोच बदली है.
आडवाणी ने कहा, ‘इन सब बातों ने मुझे यकीन दिलाया है कि देश के राजनीतिक माहौल को निर्णायक तरीके से कांग्रेस से भाजपा के नेतृत्व वाले विकल्प के पक्ष में बदला जा सकता है.’ केंद्र की सत्ता में भाजपा की वापसी के लिए उन्होंने राजग का विस्तार करने और अधिक से अधिक जनता के वर्ग से जोड़ने की रणनीति पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले हमें सुशासन और विकास का एक एजेंडा तेजी से तैयार करना होगा और दूसरा भाजपा को इस विश्वास के साथ अपना दृढ़ मत व्यक्त करना चाहिए कि हम बिना किसी भेदभाव के समान रूप से समाज के प्रत्येक वर्ग की चिंता करते हैं चाहे वह किसी भी धर्म और जाति का हो.