उत्तराखंड में बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में पार्टी के एक शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और बाढ़ प्रभावित इस राज्य के लिए पांच हजार करोड़ रूपये के राहत पैकेज की मांग की.
आडवाणी के नेतृत्व में इस शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा और राज्य को तत्काल आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग की. इस शिष्टमंडल में आडवाणी के अलावा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू, राज्य में पार्टी के उपनेता एस एस अहलुवालिया, पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद और राज्यसभा सदस्य तरूण विजय शामिल थे.
शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड के लिए तत्काल पांच हजार करोड़ रूपये का पैकेज घोषित करने की मांग की, जहां भाजपा की सरकार है. इसके अलावा राहत उपाय के तहत सामग्री, तकनीकी, सीमा सड़क संगठन आदि की अतिरिक्त मदद उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया.
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान आडवाणी ने उनसे बाढ़ के कारण राज्य की गंभीर स्थिति को विशेष तवज्जो दिये जाने की मांग की और टिहरी बांध की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय जल आयोग का एक दल भेजने का आग्रह किया. इसके अलावा सेना, आईटीबीपी और एसएसबी की भी मदद बढ़ाने का आग्रह किया गया.{mospagebreak}
इधर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तराखंड में बाढ और भूस्खलन से मरने वालों लोगों के परिवार को एक-एक लाख रूपये की अनुग्रह सहायता राशि देने की आज घोषणा की.
पीमएओ सूत्रों ने बताया कि सिंह ने गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को पचास पचास हजार रूपये की सहयता देने की भी घोषणा की है.
भाजपा शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड के लिए वायु सेना की पश्चिमी कमार से पांच हेलीकाप्टर उपलब्ध कराने की भी मांग की ताकि खाद्य, चिकित्सा और राहत सामग्री पहुंचायी जा सके.
इसके अलावा राज्य सरकार को राहत एवं बचाव कार्य में मदद के लिए एनडीआरएफ की अतिरिक्त कंपनी भेजे जाने का भी आग्रह किया गया.
सूत्रों ने बताया कि आडवाणी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राज्य में बाढ़ के कारण हुए नुकसान के आकलन के लिए एक केंद्रीय दल तत्काल उत्तराखंड भेजा जाए.
शिष्टमंडल ने कहा कि राज्य में इस भयावह बाढ़ के कारण हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए है और काफी संख्या में मकानों, सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों को नुकसान हुआ है.{mospagebreak}
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इस विषय पर पहले ही प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर राहत एवं बचाव कार्य में मदद के अलावा विशेष पैकेज की मांग कर चुके हैं.
गौरतलब है कि उत्तरराखंड के गढ़वाल और कुमायूं मंडलों में पिछले 48 घंटों से लगातार हो रही वष्रा के चलते राज्य की सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं.
भारी वर्षा के चलते अब तक 175 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है ओैर राज्य की जीवन रेखा मानी जाने वाली चार धाम यात्रा पिछले शनिवार से बंद पड़ा हुई है.