प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सदन के नेता प्रणव मुखर्जी की खुलकर तारीफ की और कहा कि मैं कभी कभी सोचता हूं कि प्रणब जी न होते तो यह सरकार क्या करती.
इसपर मुखर्जी ने अपने दोनों हाथ जोड़कर उसे माथे तक ले जाकर मुस्कुराते हुए दो बार अभिवादन किया. उन्होंने कहा कि 25 साल पहले उन्होंने (मुखर्जी) बजट पेश किया था और कल फिर उन्होंने ऐसा किया क्योंकि संकट की स्थिति है.
आडवाणी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद का यह पहला प्रस्ताव है जब प्रधानमंत्री उपस्थित नहीं हैं. उन्होंने कहा मेरी कामना है कि वह शीघ्र स्वस्थ होकर संसद की कार्यवाही में भाग ले सकें.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चर्चा करते हुए विपक्ष के नेता ने कहा मेरे अपने नेता पूर्व प्रधानमंत्री भी स्वस्थ नहीं हैं. मैं समझता हूं कि आपकी भी यह कामना होगी कि वह स्वस्थ होकर सदन में आ सकें.
इससे पहले सदन के भोजनावकाश के लिए स्थगित होने पर मुखर्जी स्वयं विपक्षी खेमे में आडवाणी के पास गये और काफी देर तक दोनों के बीच गुफ्तगू होती रही. यहां तक कि सदन के पूरी तरह सदस्यों से खाली हो जाने तक उनकी चर्चा चलती रही.
भोजनावकाश की घोषणा के बाद पत्रकार दीर्घा में बैठे मीडियाकर्मी भी बाहर जाने लगे लेकिन सदन और विपक्ष के नेता को आपस में बात करते देख वे भी बहुत जिज्ञासा से उनके जाने तक डटे रहे.