नरेंद्र मोदी के नाम के ऐलान पर लाल कृष्ण आडवाणी को नसीहत देने वाले बिहार बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी अपने बयान पर कायम हैं. नसीहत पर बवाल मचा तो सुशील मोदी सफाई देने सामने आए, पर एक बार फिर आडवाणी को देश का मूड समझने की सलाह दे दी.
आज तक से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा, 'मेरे बयान को गलत समझा गया. मैंने कहा था कि जनता की नब्ज को समझना चाहिए. जनता की भावना का सम्मान होना चाहिए. विशेषकर बिहार में नरेंद्र मोदी को जिस तरह का अपार समर्थन मिल रहा है. चाहे गांव हो या शहर. हर वर्ग मोदी के लिए उत्साहित है. इसपर मैंने ट्वीट किया था कि मोदी के नाम पर फैसला जल्द से जल्द हो.'
नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, 'जिस तरह से एक समय में आडवाणी जी ने अटल जी के नाम की घोषणा की थी. बेहतर यही होता कि आडवाणी जी खुद नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा करते.'
जब उनसे आडवाणी के विरोध के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'इसका कारण क्या है, मुझे नहीं पता. दिल्ली में क्या हो रहा है मुझे उसकी जानकारी नहीं. इस विषय पर मेरी किसी से बातचीत नहीं हुई. जो जनता की भावना है मैंने वही लिखा है.'
आडवाणी को अपना राजनीतिक गुरु बताते हुए उन्होंने कहा, 'वे आज भी हमारे लिए मेंटर हैं. हम उन्हें आज भी अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं. हम राजनीति में आडवाणी जी की वजह से हैं. नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली और शिवराज सिंह चौहान जैसे लोगों को उन्होंने ही प्रमोट किया है. आडवाणी जी का योगदान इतना बड़ा है कि बीजेपी उन्हें कभी नहीं भूल सकती. लेकिन जो वक्त की मांग है, उसी के अनुसार निर्णय होना चाहिए. उस भावना का सम्मान होना चाहिए. कोई कोशिश बेकार नहीं जाएगी. जल्द ही सकारात्मक परिणाम निकलेंगे.'
मोदी की पीएम उम्मीदवारी पर सुशील मोदी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी के अलावा कोई पीएम उम्मीदवार नहीं है. केवल बिहार बीजेपी की बात नहीं है, देश के सभी कार्यकर्ताओं की यही मांग है. बीजेपी का समर्थक मोदी को सोनिया, राहुल और मनमोहन सिंह के विकल्प तौर पर देख रहा है.'