स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन के भाषण पर गरजने-बरसने के बाद गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी चारों ओर से आलोचनाओं में घिरते नजर आ रहे हैं. सिर्फ कांग्रेस या बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ही नहीं, बल्कि उनकी ही पार्टी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी मोदी को आड़े हाथों लिया है.
पहले लालकृष्ण आडवाणी ने नरेंद्र मोदी को नसीहत दी. इसके बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज का दिन संयम रखने का दिन है. यह दिन तीखी बातों के लिए नहीं है.
संजय राउत ने लालकृष्ण आडवाणी की बातों पर सहमति जताते हुए कहा कि आज के दिन पूरे दुनिया की नजर हम पर होती है. ऐसे में हमें खुद को एकजुट दिखाना चाहिए.
शिवसेना ने मोदी को नसीहत दी कि निंदा करने के लिए साल के पूरे 364 दिन होते हैं. आज के दिन ऐसा करना गलत है.
नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस जैसे दिन नेताओं को एक-दूसरे की आलोचना नहीं करनी चाहिए. गौरतलब है कि भुज में स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की.
लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, ‘मैंने आज प्रधानमंत्री को सुना. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज किसी की भी आलोचना किए बिना हम सबको महसूस करना चाहिए कि भारत के पास भविष्य के लिए असीमित क्षमता है.’
आडवाणी अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. इससे कुछ समय पहले ही गुजरात के मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भुज में एक कार्यक्रम को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला किया.
बीजेपी संसदीय दल के प्रमुख आडवाणी ने भविष्य के बारे में आशावादी नजरिया अपनाया. आडवाणी ने कहा, ‘भारत में भविष्य के लिए असीमित क्षमता है. हमें जितना हो सके, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए.’
काला धन पर पुस्तक के बारे में आडवाणी ने कहा, ‘पुस्तक का विषय है कि हालांकि पूंजीवाद अच्छा है, लेकिन अगर आचार और नैतिकता को दरकिनार कर दिया जाए और लोग भ्रष्टाचार में शामिल हो जाएं, तो यह पूंजीवाद को बदनाम करता है.’
आडवाणी ने जोर दिया कि लोगों को ऐसा काम करना चाहिए कि कोई उनपर उंगली नहीं उठाए. देश को 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने का प्रयास करना चाहिए, जहां दुनिया स्वीकार करे कि इस देश के साथ कोई तुलना नहीं की जा सकती.