गोवा में बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के अंदरूनी मतभेद चाहे जागजाहिर हो गए हों, पर पार्टी की ओर से विवादों को यह कहकर शांत करने की कोशिश की जा रही है कि सब कुछ ठीक है. पार्टी लोगों को 'ऑल इज वेल' का संदेश देना चाहती है. शनिवार को पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताने की कोशिश की कि पार्टी में कोई फूट नहीं है.
प्रकाश जावड़ेकर ने एक ओर जहां कांग्रेस को कोसा, वहीं बीजेपी को देश का हित कर सकने वाली पार्टी बताया. लालकृष्ण आडवाणी की कथित बीमारी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वे सचमुच बीमार हैं. साथ ही पार्टी की ओर से लिए जाने वाले किसी बड़े फैसले (संभवत: मोदी को लेकर) पर संवाददाताओं से कल (रविवार) तक इंतजार करने को कहा.
जावड़ेकर ने कहा कि राजनाथ सिंह ने कहा है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने देश में संकट पैदा कर दिया है. कांग्रेस का 9 साल का रिपोर्टकार्ड विफलता का कार्ड है और उसपर से जनता का भरोसा उठ चुका है.
'बदलते मौसम से बीमार हुए आडवाणी'
प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आडवाणी जी सचमुच बीमार हैं. डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है. इसी वजह से वे अगले 3-4 दिन तक केवल आराम करेंगे. जावड़ेकर ने कहा कि राजनाथ सिंह ने भी आडवाणी को तनाव न लेने की सलाह दी है. जावड़ेकर ने बताया कि आडवाणी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी हैं.
जब प्रकाश जावड़ेकर से आडवाणी की बीमारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मौसम बदलने की वजह से है, कोई बड़ी बीमारी नहीं है. जावड़ेकर ने कहा कि आडवाणी उनके मार्गदर्शक रहे हैं और हमेशा रहेंगे.
'हमने भरा गिलास दिया था'
बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के भाषण की चर्चा करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस को भरा हुआ गिलास दिया था. तब देश की ग्रोथ रेट 8.4 थी और अब 4 पर आ गई है. बीजेपी ने विकास कराया, कांग्रेस ने उसे नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया में मंदी हो तो जरूरी नहीं कि हमारे देश में भी मंदी हो. अपने देश का विकास यहां की नीतियों पर निर्भर करता है.
पीएम ने नैतिकता को रखा ताक पर
बीजेपी ने कोयला घोटाले को लेकर एक बार फिर पीएम मनमोहन सिंह को घेरा. जावड़ेकर ने कहा कि कोयला घोटाले की रिपोर्ट बदलने पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम को अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. यदि वह बने रहते हैं तो यह नैतिकता को ताक पर रखने जैसा है.
बीजेपी व्यवस्था परिवर्तन के लिए लड़ रही है
जावड़ेकर ने कहा कि बीजेपी की लड़ाई केवल सत्ता नहीं, व्यवस्था परिवर्तन की भी है. बीजेपी शासित राज्यों में सुशासन है. दरअसल, विकास के मॉडल का आधार स्वदेशी और सर्वोदय होना चाहिए. कांग्रेस के बिजली मुहैया करने के वायदे को झूठा बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि एटमी डील से कुछ नहीं हुआ. इसके लिए सरकार को माफी मांगनी चाहिए. मुलायम सिंह यादव ने भी इस डील का समर्थन किया था, इसलिए उन्हें भी माफी मांगनी चाहिए. उत्तर प्रदेश अंधेरे में डूबा हुआ है.
बीजेपी में दिखने लगी महाफूट
2014 के लिए महामंथन करने गई बीजेपी में महाफूट दिखाई दे रही है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आडवाणी समेत बीजेपी के कई बड़े नेता नहीं पहुंचे हैं. हालांकि बीजेपी सबकी अलग-अलग वजह बता रही है, लेकिन हर कोई जानता है कि बिना आग के कभी धुआं नहीं उठता.
मिशन 2014 के लिए बीजेपी ने महामंथन तो शुरू किया, लेकिन आडवाणी के बिना. पार्टी सूत्रों के मुताबिक आडवाणी मोदी के नाम पर नाराज थे, इसलिए बैठक में नहीं पहुंचे और हवाला दिया खराब सेहत का. हालांकि एक दिन पहले तक बीजेपी बैठक में आडवाणी के आने का दावा कर रही थी. खुद पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि आडवाणी आएंगे, लेकिन मतभेद इतने बड़े हो गए, दरारें इतनी बढ़ गईं कि आडवाणी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से किनारा कर लिया.
नहीं पहुंचे कई दिग्गज
बात आडवाणी की नाराजगी पर ही खत्म नहीं हुई. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के शुरू होने से पहले ही कई पार्टी नेताओं के ना आने की खबर आ चुकी थी. मेनका गांधी, बीसी खंडूरी, यशवंत सिन्हा जैसे नेता बैठक में नहीं पहुंचे. इससे पहले ही जसवंत सिंह और उमा भारती जैसे नेता भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से किनारा कर चुके हैं. हालांकि सबने खराब सेहत का हवाला दिया, लेकिन यशवंत सिन्हा ने इशारों-इशारों में मोदी के खिलाफ तेवर दिखाए और साफ-साफ कहा कि उन्हें 'नमो'निया नहीं हुआ है.
अब तक साफ हो चुका था कि मोदी के नाम पर बीजेपी बंट चुकी है, लेकिन पार्टी की तरफ से लगातार ये कहा जाता रहा कि कोई कलह नहीं है, कोई मनमुटाव नहीं है. जबकि आलम ये है कि अब टीम आडवाणी के तेवर सख्त हो गए हैं.
उधर, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अंदरखाने से भी बीजेपी आलाकमान के तीखे तेवरों की बात सामने आने लगी है. कहा गया है कि पार्टी के बड़े नेताओं के बागी तेवरों से आलाकमान खासा नाराज है. सूत्रों के मुताबिक, यहां तक तय किया जा चुका है कि आडवाणी के बिना ही अब मोदी का नाम आगे बढ़ाया जाएगा. यानी मोदी के नाम पर बीजेपी में महाभारत मचना तय है.
पढ़ें संबंधित खबरें-
इन 10 वजहों से कभी पीएम नहीं बन सकते मोदी