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सरहद पार से समर्थन मिलना हो बंद, तब तालिबान का 2 हफ्ते में सफाया- अफगानिस्तान

इस्तांबुल में हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में इकट्ठा हुए विश्व के नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की. उसी दौरान अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी का 7 सूत्री प्लान सामने आया. 

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पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी (फोटो: रॉयटर्स)
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी (फोटो: रॉयटर्स)

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  • अफगानिस्तान की मुश्किलों के लिए सरहद पार की गड़बड़ी जिम्मेदार
  • रणनीतिक दृष्टि से भारत अफगानिस्तान के लिए अहम- ताहिर कादिरी

अफगानिस्तान में हाल में संपन्न राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विवाद गरमाया हुआ है, वहीं नई दिल्ली में अफगान राजदूत ताहिर कादिरी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा मुश्किलों के लिए सरहद पार से फैलाई जाने वाली गड़बड़ी ज़िम्मेदार है. अफगान राजदूत ने भौगोलिक और रणनीतिक दृष्टि से भारत को अफगानिस्तान के लिए बहुत अहम बताया. साथ ही भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया.

बता दें कि हाल में इस्तांबुल में 'हार्ट ऑफ एशिया' कॉन्फ्रेंस में इकट्ठा हुए विश्व के नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की. उसी दौरान अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी का 7 सूत्री प्लान सामने आया.  

क्षेत्रीय सहमति से होगा काम

इसी प्लान को लेकर अफगान राजदूत ने इंडिया टुडे को बताया, 'राष्ट्रपति का 7 सूत्री प्लान बहुत ही समावेशी है. इसमें बाहर पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों से बात करना शामिल है. इस प्लान से जिन देशों का भी अफगानिस्तान से हित जुड़ा है, उन्हें साथ जोड़ क्षेत्रीय सहमति बनाई जा सकेगी. प्लान में समर्थन जुटाने के लिए विभिन्न संस्थानों से बात करना शामिल है. राष्ट्रीय स्तर पर संस्थानों की मजबूती और बेहतरी के लिए अमेरिका से बात की जाएगी, तालिबान से बात की जाएगी.'

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सरहद पार से आतंकवाद और सरकार समर्थित आतंकवादियों के मुद्दे पर अफगान राजदूत कादिरी ने कहा, 'वरिष्ठ अफगान अधिकारी हमेशा कहते रहे हैं कि सरहद पार से गड़बड़ी फैलाना बंद होना चाहिए क्योंकि यही अफगानिस्तान में गड़बड़ी और रूकावट की मुख्य वजह है. अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अगर तालिबान और आतंकवादियों को सरहद पार पड़ोसी देश से समर्थन मिलना बंद हो जाए तो दो हफ्ते में तालिबान का सफाया हो सकता है.'

अफगान राजदूत कादिरी ने जोर देकर कहा कि 'सुरक्षित और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान होगा तो पूरा क्षेत्र शांतिपूर्ण होगा. इस तथ्य को सब को समझना चाहिए. आतंकवाद से लड़ाई को लेकर अफगानिस्तान फ्रंटलाइन पर है. आतंकवादी नेटवर्क्स को मात देने के रास्ते ढूंढने की अफगानिस्तान कोशिश कर रहा है. ये नेटवर्क्स कई छोटे छोटे गुटों में बंटे हुए हैं.'

700 विदेशी आतंकवादियों को पकड़ने में मिली कामयाबी

कादिरी ने कहा, 'जहां तक सुरक्षा की स्थिति का सवाल है तो हम सबसे आगे रह कर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों से लड़ रहे हैं. इनमें अल क़ायदा, तालिबान और दाएश (ISIS) शामिल हैं. अफगान सुरक्षा बल दूसरे 23 अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क्स से भी लड़ रहे हैं. बीते एक साल में हमारे बहादुर सुरक्षा बलों को 700 विदेशी आतंकवादियों को पकड़ने में कामयाबी मिली है. ये अलग अलग देशों से अफगानिस्तान में आए थे.'

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अफगान राजदूत ने जोर देकर कहा, 'अफगानिस्तान आत्म-निर्भरता की ओर बढ़ना चाहता है इसलिए मौजूदा अफगान प्रशासन व्यापार बढ़ाने पर जोर दे रहा है, इस दिशा में भारत से व्यापार बढ़ाना सबसे अहम है.'

'ईरान के चाबहार पोर्ट से होने वाले भारत-अफगान व्यापार पर अमेरिकी प्रतिबंधों का क्या असर पड़ा है?' इस सवाल पर अफगान राजदूत कादिरी ने कहा, 'मैं चाबहार पर अधिक फोकस नहीं दूंगा. हमारे पास और भी बहुत से माध्यम हैं जिन पर हम बात कर सकते हैं.'

अफगान राजदूत ने किया भारत को शुक्रिया

अफगान राजदूत ने व्यापार बढ़ाने में भारत के सहयोगियों को शुक्रिया कहा. उन्होंने कहा कि चाबहार से व्यापार को लेकर कुछ समस्याएं हैं लेकिन हमारे भारतीय सहयोगी इसके बावजूद व्यापार बढ़ाना चाहते हैं. हम इन समस्याओं को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. गेहूं अफगानिस्तान में आ रहा है और फल चाबहार के रास्ते भारत भेजे जा रहे हैं. चाबहार के अलावा एयर कॉरिडोर भी काफी कामयाब रहा है.   

कादिरी ने कहा, 'हमारी सरकार आत्मनिर्भरता हासिल करने की ओर बढ़ रही है. अफगानिस्तान मदद हासिल करने वाले देश का दर्जा छोड़ भागीदार देश बनना चाहता है. अफगान उत्पादों के लिए भारत बड़ा बाजार है इसीलिए हमारा सबसे ज्यादा फोकस भारत से व्यापार बढ़ाने पर है.'

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