नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास हो गया है. बिल में अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर सताए गए हिन्दुओं, सिखों, पारसी, जैन, बौद्ध और क्रिश्चयनों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. इस बिल पर भारत में अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादरी ने प्रतिक्रिया दी है.
इंडिया टुडे से बातचीत में राजदूत ताहिर कादरी ने कहा है कि अफगानिस्तान चार दशकों से युद्ध की विभीषका झेल रहा है. इस दौरान न सिर्फ अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों ने बल्कि सभी समुदाय के लोग हिंसा के शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अफगानिस्तान की तुलना पाकिस्तान से नहीं की जानी चाहिए.
सिखों का अफगानिस्तान में सम्मान
राजदूत ताहिर कादरी ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के पतन और नई सरकार के बनने के बाद खासकर इस सरकार ने अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार सिख भाई-बहनों का सम्मान करती है.
उन्होंने कहा कि हम उनका बेहद सम्मान करते हैं. तारिक कादरी ने कहा कि अफगानिस्तान की संसद में सिख भाई-बहनों के लिए सीट सुरक्षित रखा गया है. इसके अलावा राष्ट्रपति के कार्यालय में सिख समुदाय का एक विशेष दूत नियुक्त किया गया है. तारिक कादरी ने कहा कि इस मुद्दे पर अफगानिस्तान की तुलना पाकिस्तान से नहीं करनी चाहिए.
अफगानी सिखों को आईडी कार्ड
अफगानिस्तान की सरकार के मुताबिक भारत में जो अफगानी सिख रहते हैं उन्हें वहां की सरकार आईडी कार्ड दे रही है, ताकि उनकी पहचान हो सके. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि हम अल्पसंख्यक समुदाय खासकर सिखों का सम्मान करते हैं.
राजदूत ताहिर कादरी ने कहा कि अफगानिस्तान में सभी समुदायों ने युद्ध का दंश झेला है और अफगानिस्तान में इससे भारी नुकसान हुआ है. हमलोग सभी को, बिना उनकी धार्मिक पहचान पर विचार किए, सम्मान देने की कोशिश कर रहे हैं.