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हूटिंग प्रकरण के बाद हुड्डा और पीएम मोदी की चाय पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच का कांग्रेसी और गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने भी बायकॉट किया तो प्रधानमंत्री मामले को रफा दफा करने की कोशिश की. जहां से बवाल की शुरुआत हुई थी, वहीं से बवाल खत्म करने की कोशिश की.

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हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पीएम मोदी
हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच का कांग्रेसी और गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने भी बायकॉट किया तो प्रधानमंत्री मामले को रफा दफा करने की कोशिश की. जहां से बवाल की शुरुआत हुई थी, वहीं से बवाल खत्म करने की कोशिश की.

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कैथल में एक सरकारी कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ जमकर हूटिंग हुई. वो भी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में. सीएम हुड्डा ने अपमान का ये कड़वा घूंट पिया और ऐलान कर दिया कि वह पीएम मोदी के किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे. लेकिन अब बारी दिल्ली में पीएम के साथ चाय की मिठास भरी चुस्की की थी. पीएम ने शुक्रवार को हुड्डा को टी-पार्टी का न्योता भेजा. जिसे हुड्डा स्वीकार कर लिया.

हुड्डा के इस ऐलान के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी ऐसा ही फरमान सुना दिया. सोलापुर में चव्हाण को भी पीएम मोदी की मौजूदगी में हूटिंग का शिकार होना पड़ा था. बाद में कांग्रेस ने इसे इस कदर गंभीरता से लिया कि अपने सभी मुख्यमंत्रियों को मोदी के साथ मंच साझा नहीं करने का निर्देश जारी कर दिया.

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हुड्डा और चव्हाण ही नहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस अपमान के शिकार हुए. खास बात ये है कि घटनाएं वहीं घटीं जहां हाल ही में विधानसभा चुनाव होने हैं. सरकारी कार्यक्रमों में पीएम की मौजूदगी में मुख्यमंत्रियों के अपमान पर सवाल मीडिया जगत में भी उठे. लेकिन इस बीच कड़वाहट दूर करने के लिए पीएम मोदी अपने चुनावी दौर का ब्रह्मास्त्र चल चुके थे. यानी चाय पर चर्चा.

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