सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप के द्वारा अफवाह फैलने और इससे होने वाली मॉब लिंचिंग की घटनाओं से चिंतित सरकार ने कंपनी को चेतावनी दी थी कि वह इसे रोकने के लिए उपाय करे. इस पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए वॉट्सऐप ने बुधवार को सरकार को एक तीन पेज का लेटर भेजकर अपना जवाब दिया है.
इस लेटर में वॉट्सऐप ने पूरा प्लान बताया है कि वह किस तरह से अफवाहों और फर्जी संदेशों को रोकने के लिए कदम उठाएगी. आजतक-इंडिया टुडे के पास इस लेटर की कॉपी है.
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ (फर्जी खबरों) की भरमार की वजह से देश के कई हिस्सों में निर्दोष लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. भारत सरकार ने वॉट्सएप को अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग होने से रोकने में नाकाम रहने पर मंगलवार को आगाह किया था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैली बच्चों को अगवा करने की अफवाहों के चलते एक साल में कम से कम 29 लोगों को पीट-पीट कर मार डाला गया.
ये है वॉट्सऐप का प्लान
वॉट्सऐप फर्जी संदेशों और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है. कंपनी ने अपने लेटर में बताया है कि कई नए फीचर टेस्ट किए जा रहे हैं, जिन्हें आगे लागू किया जा सकता है.
- यूजर्स को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा नियंत्रण और जानकारियां दी जाएंगी.
- कंपनी दोतरफा रणनीति अपनाएगी, पहला, लोगों को इस तरह का नियंत्रण और जानकारी दिया जाए जिससे वे सुरक्षित रहें. दूसरा, वॉट्सऐप के दुरुपयोग को रोकने के लिए सक्रियता से काम करना.
- फॉरवर्ड मैसेज और किसी व्यक्ति द्वारा भेजे गए मैसेज में अंतर की स्पष्ट जानकारी होगी. वॉट्सऐप ऐसे फीचर का टेस्ट कर रही है जिसमें यूजर को यह पता चल सकेगा कि कोई मैसेज फॉरवर्ड होकर आ रहा है या मूल है, ऐसे में वह यह निर्णय ले सकेगा कि इसे आगे फॉरवर्ड करें या नहीं.
-ग्रुप एडमिन यह निर्णय लेंगे कि किसी ग्रुप में संदेश कौन भेज सकता है, कौन नहीं. इससे अवांछित संदेशों या अफवाहों के प्रसार पर रोक लगेगी.
-किसी अवांछित संदेश के प्रसारित होने पर यूजर उसकी 'रिपोर्ट' वॉट्सऐप को दे सकेगा और या उसे ब्लॉक कर सकेगा.
-लोगों को शिक्षित करने के लिए वॉट्सऐप सामग्री भेजेगी और समाचारों के बारे में साक्षरता के वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे.
- इस साल वॉट्सऐप ने अफवाहों और फर्जी न्यूज की पहचान के लिए फैक्ट चेकिंग संस्थाओं के साथ मिलकर काम शुरू किया है.
- कंपनी ने ब्राजील में समाचार चैनलों के साथ मिलकर इस दिशा में काम किया है और इसे भारत में भी दोहराया जा सकता है.
- भारत में कंपनी ने एक फैक्ट चेकिंग संस्था बूम लाइव की सेवा देनी शुरू की है.
सरकार ने फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि वह ऐसे 'दुर्भावनापूर्ण और विस्फोटक संदेशों' के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल उपाय करे जिनकी वजह से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ सकती हैं. सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा दी गई चेतावनी में कहा गया था कि वॉट्सऐप इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती.
हिंसा से वॉट्सएप भी भयभीत!
इस पर अपने तीन पेज के जवाब में वॉट्सऐप ने कहा है कि वह लोगों की सुरक्षा को लेकर गहराई से चिंतित है और साथ ही उसने फेक न्यूज और अफवाहों के आतंक से लड़ने के कदम उठाए हैं. दुनिया भर में सबसे ज्यादा बेस भारत में रखने वाली वॉट्सऐप के डायरेक्टर ब्रियन हेन्नेसी ने कहा है, 'हम हिंसा की इन खौफनाक घटनाओं को लेकर भयभीत हैं और आपने जो अहम मुद्दे उठाए हैं उन पर तेजी से कार्रवाई करना चाहते हैं. हम स्पैम को रोकने में सक्षम हैं जिनमें ऐसी गलत जानकारियां भी शामिल होती हैं, जो अविश्वास और हिंसा को बढ़ावा देती हैं.'
वॉट्सऐप ने कहा-सबको मिलकर करना होगा काम
वॉट्सऐप ने अपने लेटर में कहा है, 'गलत खबरों, गलत जानकारियों और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए सरकार, सिविल सोसाइटी और टेक्नोलॉजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा.'
उन्होंने कहा, 'हम भारतीय शोधकर्ताओं के साथ समस्या को अच्छी तरह समझने के लिए काम कर रहे हैं. साथ ही ऐसे बदलाव किए जा रहे हैं जिससे फर्जी संदेशों को फैलने से रोका जा सके. हम संदेशों का कॉन्टेंट नहीं देख सकते, इसलिए यूजर के रिपोर्ट और उसे भेजने के तरीके के आधार पर हम कोई संदेश ब्लॉक करते हैं. बड़ी संख्या में भेजे जा रहे संदेशों (जो किसी एक व्यक्ति के वश की बात न हो) की पहचान के लिए मशीनों का इस्तेमाल करते हैं और अवांछित ऑटोमेटेड संदेशों को रोकने की अपनी क्षमता में हम निरंतर सुधार कर रहे हैं.
वॉट्सऐप अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती
इस लेटर के मिलने के बाद संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इंडिया टुडे-आजतक से कहा, 'भारत एक बड़ा डिजिटल पावर बन चुका है. वॉट्सऐप के भारत में सबसे ज्यादा फॉलोवर हैं, हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन उन्हें अपने को सचेत, जिम्मेदार और जवाबदेह बनाना होगा.'
उन्होंने कहा, 'उन्होंने यदि कोई प्लेटफॉर्म बनाया है तो इसके दुरुपयोग के लिए भी वे उतने ही जिम्मेदार हैं. वे इन संदेशों की जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच नहीं सकते, खासकर ऐसे संदेश जिनसे हत्याएं हो रही हों.'
सिर्फ 25 फीसदी लोग किसी वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े हैं
हालांकि, वॉट्सऐप के द्वारा दुर्भावनापूर्ण संदेशों पर सख्ती कितनी कारगर हो पाएगी, इसे लेकर अभी संशय है. वॉट्सऐप के डेटा से यह पता चलता है कि भारत में सिर्फ 25 फीसदी लोग किसी वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े हैं और ज्यादातर ग्रुप में जुड़ने वाले लोगों की संख्या 10 से कम ही है.
हर दस में नौ संदेश एक-दूसरे को भेजे जाते हैं. ऐसे में ग्रुप एडमिन के साथ सख्ती या उन पर अंकुश से बहुत फायदा नहीं होने वाला. इसलिए मंत्रालय का भी जोर है कि व्यक्ति से व्यक्ति तक भेजे जाने वाले संदेशों के लिए कुछ करना होगा. इसलिए सरकार वॉट्सऐप पर दबाव बना रही है कि वह इस प्लेटफॉर्म पर प्रसारित संदेशों के लिए बेहतर फिल्टर और निगरानी की व्यवस्था बनाए.