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गुड़गांव के बाद अब और शहरों के नाम बदलवाना चाहता है आरएसएस

पिछले महीने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम करने के लिए संघ ने भी काफी दबाव बनाया था. आलोचकों का कहना है कि इस तरह शहरों का नाम बदलना भारत के इतिहास को दोबारा लिखने और संघ के सांस्कृतिक दबाव को बढ़ाने की कोशिश है.

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गुड़गांव का नाम बदलकर हो गया है गुरुग्राम
गुड़गांव का नाम बदलकर हो गया है गुरुग्राम

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अब जल्द ही अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती, हैदराबाद का नाम बदलकार भाग्यनगर और औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर हो सकता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इन तीनों शहरों के नाम बदलने का सुझाव दिया है.

पिछले महीने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम करने के लिए संघ ने भी काफी दबाव बनाया था. आलोचकों का कहना है कि इस तरह शहरों का नाम बदलना भारत के इतिहास को दोबारा लिखने और संघ के सांस्कृतिक दबाव को बढ़ाने की कोशिश है.

आरएसएस ने पहले भी इस तरह की कोशिश की थी लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं होने दिया. संघ के नेताओं का मानना है कि इन शहरों के नाम अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़े रहने चाहिए और संघ इन शहरों को इनके ऐतिहासिक नामों से ही बुलाता है.

शहरों को पुराने नाम बुलाता है संघ
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'हम शहरों को उनके पुराने और ऐतिहासिक नामों से बुलाते हैं, न कि घुसपैठियों द्वारा दिए नामों से. एक आजाद देश के तौर पर हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए.' आरएसएस की तरफ से सुझाए गए नामों की लिस्ट में केरल का नाम भी है, जिसे बदलकर केरलम करने के लिए कहा गया है.

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गुड़गांव अब गुरुग्राम
पिछले महीने हरियाणा सरकार ने गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम और मेवात जिले का नाम बदलकर नूंह करने का फैसला किया था. सरकार का कहना था कि हरियाणा भागवत गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुड़गांव शिक्षा का केंद्र रहा था. इसे गुरु द्रोणाचार्या के समय से गुड़गांव के नाम से जाना जाता है. गुड़गांव शिक्षा का बेहतरीन केंद्र था, जहां राजाओं को शिक्षा दी जाती थी. इसलिए इस इलाके के लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे कि गुड़गांव का नाम गुरुग्राम किया जाए और इसी को मद्देनजर रखते हुए ये फैसला लिया गया.

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