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चाबहार के बाद बांग्लादेश के पैरा पोर्ट तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहा भारत

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की ईरान यात्रा के दौरान सामरिक तौर पर बेहद अहम चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के मामले में बड़ी जीत के बाद भारत अब बांग्लादेश में भी इसी तरह की कामयाबी की तरफ बढ़ रहा है. मोदी सरकार बांग्लादेश के पैरा बंदरगाह का विकास भी इसी तर्ज पर करना चाहती है और इसके लिए बातचीत चल रही है.

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पैरा पोर्ट पर है भारत की नजर
पैरा पोर्ट पर है भारत की नजर

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हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की ईरान यात्रा के दौरान सामरिक तौर पर बेहद अहम चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के मामले में बड़ी जीत के बाद भारत अब बांग्लादेश में भी इसी तरह की कामयाबी की तरफ बढ़ रहा है. मोदी सरकार बांग्लादेश के पैरा बंदरगाह का विकास भी इसी तर्ज पर करना चाहती है और इसके लिए बातचीत चल रही है.

बांग्लादेश के पोर्ट तक भारत की पहुंच बनाने की कोशिश
पूर्वोत्तर मामले और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह के मुताबिक विदेश नीति में अपनी रणनीतिक पहल को बढ़ाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी तैयार की है. इससे पहले यूपीए सरकार ने लुक ईस्ट की बात कही थी. इसके तहत ही मोदी सरकार ने पश्चिम में चाबहार पोर्ट तक अपनी पहुंच स्थापित करने के बाद अब पूर्वी हिस्से में बांग्लादेश के पैरा पोर्ट तक भारत की पहुंच बनाने की कोशिश शुरू की है.

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चीन और PAK के प्रभाव को खत्म करने की कोशिश
इसके अलावा बांग्लादेश के साथ रेल मार्ग को खोलने का काम शुरू हो चुका है. त्रिपुरा से बांग्लादेश के बीच रेल लाइन बिछाने काम तेजी से चल रहा है. एक दूरगामी रणनीति के तहत भारत-बांग्लादेश में चीन और पाकिस्तान के बढ़ते प्रभाव को खत्म करना चाहती है.

भारतीय फर्म ने दिखाई टेंडर में दिलचस्पी
इसके साथ ही हाल ही में जहाजरानी मंत्रालय ने बताया था कि कांडला पोर्ट और सरकारी कंपनी जेएनपीटी के जॉइंट वेंचर में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल फर्म ने बांग्लादेश सरकार की ओर से पैरा बंदरगाह के निर्माण के लिए आमंत्रित किए गए टेंडर्स में रुचि दिखाई है. जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक हमारे विदेश मंत्रालय और बांग्लादेश के बीच इस मसले पर बातचीत चल रही है. ढाका भी चाहता है कि हम इस परियोजना से जुड़ें. हमने वहां इसके लिए एक टीम को अध्ययन के मकसद से भेजा है.

चीन की बजाए भारत के साथ मिलाया हाथ
कुछ समय पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन ने इस पोर्ट के विकास में रुचि दिखाई है लेकिन बांग्लादेश ने चीन के साथ इस दिशा में आगे बढ़ने की बजाय नई दिल्ली की ओर अपने कदम बढ़ाए हैं. मोदी सरकार के इस कदम को चीन की उस रणनीति का भी जवाब माना जा रहा है जिसके तहत उसने श्रीलंका के कोलंबो और पाकिस्तान के ग्वादर में बंदरगाह तैयार किया है. मोदी सरकार पैरा पोर्ट की डील पर करीब नजर रख रहा है ताकि राष्ट्रीय और रणनीतिक हितों को सुरक्षित रखा जा सके.

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