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लाखों लोगों ने दी जयललिता को अंतिम विदाई, अब AIADMK के भविष्य पर निगाहें

तमिलनाडु की सीएम जयललिता को मंगलवार शाम चेन्नई में मरीना बीच पर एआईएडीएमके के संस्थापक और जया के मेंटर एमजीआर की समाधि के पास दफना दिया गया. अपनी लोकप्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए लाखों लोग जमा हुए थे.

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लाखों लोगों ने दी जयललिता को अंतिम विदाई
लाखों लोगों ने दी जयललिता को अंतिम विदाई

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एआईएडीएमके प्रमुख और तमिलनाडु की सीएम जयललिता को मंगलवार शाम चेन्नई में मरीना बीच पर एआईएडीएमके के संस्थापक और जया के मेंटर एमजीआर की समाधि के पास दफना दिया गया. अपनी लोकप्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए लाखों लोग जमा हुए थे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पीएम मोदी,  कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने चेन्नई जाकर जयललिता को श्रद्धांजलि दी.

राज्य की सियासत पर टिकी सबकी निगाहें
जयललिता के निधन के बाद अब तमिलनाडु की सियासत पर सबकी निगाहें टिक गई हैं. जयललिता के जाने के बाद अब प्रदेश की राजनीति में काफी कुछ बदल गया है. जयललिता के निधन के दो घंटे के भीतर उनके भरोसेमंद पनीरसेल्वम को रात में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी गई. हालांकि, कई लोग पार्टी और सरकार चलाने की पनीरसेल्वम की क्षमताओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जबकि विरोधी दलों के नेता भी जयललिता की क्षमता और उनके कद पर सवाल खड़े करने से बचते रहे.

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विरोधी भी मानते थे जयललिता का लोहा
तमिलनाडु में एआईएडीएमके की मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पार्टी डीएमके ने कहा है कि राजनीतिक बैर अपनी जगह है, लेकिन सच यह है कि जयललिता का इस दुनिया से जाना पूरे तमिलनाडु की जनता के लिए एक बड़ी क्षति है. डीएमके सांसदों टीकेएस एलनगोवन और भारती ने आज तक से खास बातचीत में यह बात कही.

डीएमके नेताओं ने कहा कि वह काफी साह‍सी महिला थीं और वह दूसरे दलों के क्षमतावान तथा बुद्धिजीवी नेताओं की भी इज्जत करती थीं. डीएमके सांसदों ने कहा कि इंदिरा गांधी के बाद वह एक महान योद्धा थीं और एक ऐसी महिला थीं जिन्होंने पूरे देश में जगह बना ली थी. डीएमके सांसदों ने कहा कि जयललिता और पनीरसेल्वम की कोई तुलना नहीं हो सकती.

संगठन और सरकार में कई चुनौतियां
डीएमके नेताओं ने कहा, 'पार्टी ने उन्हें नेता चुना है और उनके पास पांच साल तक शासन करने के लिए विधायकों की संख्या भी है, लेकिन सच तो यह है कि एआइडीएमके में एक खाली जगह बन चुकी है. हम नहीं जानते कि वह इसको कितना भर पाएंगे. हम उनकी जयललिता से तुलना नहीं कर सकते. वह एक करिश्माई नेता थीं. उनकी आकस्मिक मौत की वजह से पनीरसेल्वम मुख्यमंत्री बने हैं. वह कितना बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं और पार्टी के नेता उन्हें किस हद तक स्वीकार करते हैं, यह देखना होगा. पनीरसेल्वम पार्टी के कई प्रमुख नेताओं में से एक हैं, पार्टी में उनसे कई वरिष्ठ नेता भी हैं, इसलिए समस्या खड़ी हो सकती है.' डीएमके सांसदों ने कहा कि जयललिता का पार्टी पर पूरी तरह से नियंत्रण था, जबकि पनीरसेल्वम कितना कंट्रोल रख पाते हैं, यह भविष्य के गर्भ में है.

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तमिलनाडु में 7 दिन का राजकीय शोक
सोमवार रात करीब 11:30 बजे जयललिता ने अंतिम सांस ली. वे पिछले 74 दिनों से अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं. उनके निधन की खबर आने के बाद चेन्नई में अम्मा के समर्थकों ने अपोलो हॉस्पिटल के बाहर हंगामा किया, ऐसे में हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. जयललिता के निधन पर केंद्र सरकार ने एक दिन का शोक घोषित किया है वहीं तमिलनाडु में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.

संसद में दी गई श्रद्धांजलि
तमिलनाडु की सीएम जयललिता के निधन के बाद मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद दिन भर के लिए दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

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