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जस्टिस चेलमेश्वर के लेटर के बाद आज होगी सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की बैठक

जस्टिस चेलमेश्वर कोलेजियम के सदस्य हैं और वह 22 जून को शीर्ष अदालत से अवकाश ग्रहण कर रहे हैं. अगले सप्ताहांत से छह सप्ताह के ग्रीष्मावकाश से पहले सुप्रीम कोर्ट के लिए अब सिर्फ छह कार्य दिवस बचे हैं.

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आज होगी सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की बैठक
आज होगी सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की बैठक

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उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत करने के मुद्दे पर शुक्रवार को कोलेजियम की बैठक होगी. बैठक दोपहर 1 बजे होगी, जिसमें जस्टिस के. एम. जोसेफ को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नति प्रदान करने के लिए कोलेजियम की ओर से सर्वसम्मति से 10 जनवरी को की गई सिफारिश की पुनरावृत्ति की मांग हो सकती है.

पिछली बार हुई कोलेजियम की बैठक में इस मामले पर फैसले को टाल दिया गया था. शुक्रवार को होने वाली कोलेजियम की बैठक में सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नति के लिए अन्य नामों पर भी चर्चा हो सकती है.

इससे पहले गुरुवार को न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को एक पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसेफ को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नति प्रदान करने के लिए कोलेजियम की ओर से सर्वसम्मति से 10 जनवरी को की गई सिफारिश की पुनरावृत्ति की मांग की.

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जस्टिस चेलमेश्वर कोलेजियम के सदस्य हैं और वह 22 जून को शीर्ष अदालत से अवकाश ग्रहण कर रहे हैं. अगले सप्ताहांत से छह सप्ताह के ग्रीष्मावकाश से पहले सुप्रीम कोर्ट के लिए अब सिर्फ छह कार्य दिवस बचे हैं.

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने बुधवार को लिखे अपने पत्र में प्रधान न्यायाधीश मिश्रा से आग्रह किया है कि 10 जनवरी की सिफारिश की पुनरावृत्ति शीघ्र की जानी चाहिए और सरकार के पास दोबारा सिफारिश भेजी जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने बुधवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ पर अपना फैसला टाल दिया. सरकार ने पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के पद पर न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को वापस लौटा दिया था.

केंद्र सरकार ने कहा है कि न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को खारिज करने के फैसले का पिछले वर्ष उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन रद्द करने के उनके फैसले से कुछ लेना-देना नहीं है. इस फैसले को टालने का निर्णय प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की कॉलेजियम ने 45 मिनट की बैठक में लिया.

केंद्र ने 26 अप्रैल को न्यायमूर्ति जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने के कोलेजियम की अनुशंसा को लौटा दिया था.

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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा था, "के.एम. जोसेफ के मामले पर पुनर्विचार करने के प्रस्ताव को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मंजूरी है." न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने बुधवार को न्यायालय की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन वह कोलेजियम की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे.

कोलेजियम की ओर से बुधवार को जारी बयान के अनुसार, "न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम पर पुनर्विचार के अलावा, सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अन्य उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के नाम पर भी चर्चा हुई."

बयान के अनुसार, निर्णय को 'टाल' दिया गया और कोलेजियम की अगली बैठक की तिथि की घोषणा नहीं की गई है.

बयान के अनुसार, "बैठक के एजेंडे में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के. एम. जोसेफ के मामले में कानून और न्याय मंत्रालय और भारत सरकार की तरफ से 26 अप्रैल और 30 अप्रैल, 2018 को प्राप्त पत्र के आधार पर पुनर्विचार पर चर्चा और इसके अलावा कोलकाता, राजस्थान, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर, उचित प्रतिनिधित्व की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए, नियुक्ति पर चर्चा के 'निर्णय' को 'टाल' दिया गया."

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